मिल के बिछड़ऩा जनता परिवार की नियति

Janata_Parivar
योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। बिहार चुनाव में भाजपा का विकल्प बनने की गरज से एकजुट हुआ जनता दल परिवार एक बार फि र पारे की तरह बिखर गया है। परिवार की अगुवाई कर रहे समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने जनता परिवार से अलग होने के साथ ही अलग से बिहार का चुनाव लडने का एलान किया है। जिस जोर-शोर से जनता परिवार के लोग इकटठा हुए थे। उतने ही तेजी से बिखरने की शुरूआत हो गई है। यह कोई पहला मौका नहीं है कि जनता परिवार में इस तरह की फूट पड़ी है। इससे पहले गैर कांग्रेसवाद के नाम पर जो भी गठबंधन मोर्चे बने उनका हश्र भी ऐसा ही हुआ जो अब इस महागठबंधन का होने जा रहा है। रही बात उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की तो इससे पहले जिन भी मोर्चो और गठबंधनों में वह शामिल हुई उसमें से पल्ला झाडऩे की शुरूआत उसी की ओर से हुई। 23 जनवरी 1977 में जब कांग्रेस के खिलाफ जयप्रकाश नारायण के प्रयासों से जनता पार्टी का गठन हुआ। मोरारजी देसाई के नेतृत्व में बनने वाले इस पहले जनता परिवार में चौ.चरण सिंह के नेतृत्व वाले राष्टï्रीय लोकदल और जनसंघ का विलय करके जनता पार्टी का गठन हुआ था। 18 मई 1977 को पूर्व रक्षामंत्री जगजीवनराम, यूपी के सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा और ओडि़शा की पूर्व मुख्यमंत्री नंदिनी सत्पथी के नेतृत्व में कांग्रेस से अलग होकर कांग्रेस फार डेमोक्रसी का गठन हुआ जिसका बाद में जनता पार्टी में विलय हो गया। 1977 के चुनाव में जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला। देश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार का गठन हुआ लेकिन न तो यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाई न ही जनता परिवार ज्यादा दिनों तक एक जुट रह पाया। हालांकि 1977 से पहले से पहले समाजवादी विचारधार के सात दलों को मिलाकर 1974 में राष्टï्रीय लोकदल का गठन हुआ था। 1979 में जनता पार्टी का पहला बिखराव हुआ। चौ. चरण सिंहने जनता पार्टी से अलग होकर जनता पार्टी(सेकुलर) बनाई जो बाद मेें लोकदल बन गई। पूर्ववर्ती जनसंघ के लोग इससे अलग हो गए। चन्द्रशेखर बची हुई जनता पार्टी के नेता बने। जनता पार्टी की टूट के बाद उसी की कोख से पहले भारतीय जनता पार्टी का जन्म हुआ। पूर्ववर्ती जनसंघ के नेताओं ने मिलकर 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी बनाई और अटल बिहारी बाजपेयी उसके पहले अध्यक्ष बने। जनता पार्टी में जनसंघ गुट के लोगों द्वारा बनाई गई भारतीय जनता पार्टी को केन्द्र और कई प्रदेशों में सरकारें बनाने का मौका मिला। कांग्रेस से निकलकर वीपी सिंह की अगुवाई में पहले जनमोर्चा बना फि र जनमोर्चा ने जनता दल की शक्ल ली। जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन पर 11 अक्टूबर 1988 को जनता दल बना। जनता दल का बार-बार टूटना उसकी नियति बन गया। उसी का नतीजा है कि आज बिहार सहित कई राज्यों में जनतादल नाम से कई घटक बन गए। मसलन बिहार में राष्टीय जनता दल,जनता दल(यूनाईटेड),जनता दल सेकुलर जैसे कई घटक बन गए। यह सभी घटक इस समय महागठबंधन का हिस्सा है। जनता परिवार के लोगों ने ही अलग होकर 1990 में जनता दल से अलग होकर चन्द्रशेखर और देवीलाल ने मिलकर 5 नवंबर 1990 को समाजवादी जनता पार्टी का गठन किया। 54 सांसदों को साथ लेकर कांग्रेस के समर्थन से चन्द्रशेखर के नेतृत्व में केन्द्र में कुछ महिनों की सरकार भी बनी। 1992 में मुलायम सिंह यादव ने चन्द्रशेखर और देवीलाल से अलग होकर 4 अक्तूबर 1992 को समाजवादी पार्टी का गठन किया। जबकि जार्ज फर्नाडीज और नीतीश कुमार ने मिलकर 21 जून 1994 को समता पार्टी का गठन किया था। बाद में बिहार की लोकशक्ति समतापार्टी और शरद यादव के जनता दल ने मिलकर 30 अक्तूबर 2003 को जनता दल(यूनाईटेड) का गठन किया। कभी मुलायम वीपी और शरद के साथ मिलकर चले चौ.अजित सिंह ने 1996 में राष्टï्रीय लोकदल, और 5 जुलाई 1997 को लालू ने जनता दल से अलग होकर राष्टï्रीय जनता दल,रामकृष्ण हेगड़े ने लोकशक्ति पार्टी और नवीन पटनायक ने 26 दिसंबर 1997 को बीजू जनता दल का गठन किया। इन लोगों की देखादेखी देवीलाल के पुत्र ओम प्रकाश चौटाला ने 29 अप्रैल 1998 को इंडियन नेशनल लोकदल का गठन किया। प्रधानमंत्री रहे एचडी देवगौड़ा की अगुवाई में जुलाई 1999 में जनता दल (सेकलुर) बना और गैरकांग्रेसवाद और गैरभाजपावाद के नाम पर बनने वाले हर मोर्चे और गठबंधन का हिस्सा बनना इसकी मजबूरी है। कभी जनतापरिवार का अभिन्न हिस्सा रहे लेकिन इस समय राजग में शामिल और केन्द्र की मोदी सरकार में शामिल रामबिलास पासवान ने जनता दल में रोज-रोज की खिचखिच से आजिज आकर 28 नवंबर 2000 को लोकजनशक्ति पार्टी का गठन किया था। पासवान इससे पहले वीपी सिंह,अटल बिहारी बाजपेयी, देवगौडा और गुजराल की सरकारों में भी कैबिनेट मंत्री रहे है।