लिंगपरिवर्तन कर छात्र ने मांगा गर्ल्स हास्टल

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लखनऊ। एमसीए का एक छात्र लिंग परिवर्तन कराकर लड़की बन गया है और अब उसने गर्ल्स हॉस्टल में रहने की अनुमति मांगी है। यह मामला है उप्र के कानपुर के हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (एचबीटीआई) का है। छात्र या छात्रा की इस मांग से प्रशासन असमंजस में है। छात्र के लिंग की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। संस्थान के डीन, ऑफ एकेडमिक अफेयर्स प्रो. पीके कमानी ने कहा कि यह संवेदनशील मामला है। जल्द ही मेडिकल बोर्ड बनाकर मामले में सुझाव लिया जाएगा। अभी उसे टीचर या फिर कर्मचारी क्वार्टर में रूम दिया जाएगा। यूपीटीयू से भी सुझाव मांगे गए हैं। यह छात्र नई दिल्ली का रहने वाला है। छात्र ने बीसीए की पढ़ाई के बाद एमसीए की राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एसईई 2014) दी और सीधे सेकेंड ईयर के लिए उप्र में सातवीं रैंक हासिल की। इसके बाद एचबीटीआई में एडमिशन लिया लेकिन लिंग परिवर्तन से संबंधित मेडिकल ट्रीटमेंट के कारण पूरे साल पढ़ाई नहीं कर सका। उसका मेडिकल ट्रीटमेंट दिल्ली व सिंगापुर से चल रहा है।
संस्थान के सामने मुश्किल है कि अब छात्र ने शैक्षिक सत्र 2015-16 से एमसीए की पढ़ाई के लिए गर्ल्स कोटे से एडमिशन का आवेदन फार्म भर दिया है। छात्र ने कहा कि लिंग परिवर्तन के बाद उसे महिला माना जाए और उसे गल्र्स हॉस्टल में रहने की अनुमति भी मिले। एचबीटीआई के प्रबंधन ने कहा कि छात्र ने लड़के के नाम से प्रवेश परीक्षा दी थी, इसलिए लड़की के नाम से प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। छात्र ने संस्थान के निदेशक प्रो. एके नागपाल और डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स डॉ. पीके कमानी से मिल कर अपना पक्ष रखा है। फिलहाल एचबीटीआई प्रशासन ने छात्र को लड़कों के हॉस्टल में भी रहने की अनुमति नहीं दी है। प्रशासन ने कहा है कि पूरी स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही अनुमति दी जाएगी। मामले में उप्र प्राविधिक विश्वविद्यालय से भी सुझाव मांगे गए हैं। कुलपति प्रो. विनय पाठक ने कहा कि एचबीटीआई स्वायत्तशासी संस्था है, उसे एडमिशन का पूरा अधिकार है। यूपीटीयू के पास मामला आएगा तो नियमानुसार कार्यवाही होगी। इसमें मेडिकल बोर्ड का सुझाव भी महत्वपूर्ण रहेगा।