माध्यमिक शिक्षा निदेशक का निर्देश: एडेड व सरकारी स्कूलों में ली गई अतिरिक्त फीस होगी वापस

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लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. अवध नरेश शर्मा ने प्रदेश के सरकारी और एडेड स्कूलों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभभावकों को बड़ी राहत दी है। इन छात्रों से ली गई तीन महीने की अतिरिक्त फीस को वापस करने के लिए मंगलवार को आदेश जारी कर दिए गए हैं। हिन्दुस्तान ने सोमवार को 1.20 लाख बच्चों को देनी होगी तीन महीने की दोबारा फीस शीर्षक के साथ इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद, यह निर्देश जारी किए गए हैं। निदेशक ने साफ किया है कि कोई भी स्कूल छात्र-छात्राओं से अप्रैल, मई और जून माह की फीस दोबारा नहीं लेगा। जो स्कूल ये फीस ले चुके हैं उन्हें इसे वापस करना होगा।
राजधानी में 107 सरकारी सहायता प्राप्त और करीब 18 राजकीय स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। इनमें, नौंवी दसवीं में करीब 80 हजार और 1१वीं-१२वीं में 40 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। यहां आठवीं तक की पढ़ाई निशुल्क है। नौंवीं से 12वीं कक्षा तक फीस ली जाती है। 9वीं-१0वीं के में 450 रुपए वार्षिक और 11वीं-12वीं के छात्र-छात्राओं से औसतन 500 रुपए वार्षिक फीस ली जाती है। बीते शैक्षिक सत्र यानी 2014-15 की शुरुआत (जुलाई 2014) में इन बच्चों से 12 महीने की फीस ली गई। साफ है कि सभी छात्र-छात्राओं ने जुलाई 2015 तक की फीस जमा कर दी लेकिन विभाग के आदेश के बाद इन स्कूल प्रबन्धनों ने नए शैक्षि सत्र 2015-16 की शुरुआत में अप्रैल से जून तक की फीस दोबारा लेना शुरू कर दिया। जिसे अब इसे वापस करने को कहा गया है। निदेशक डॉ.अवध नरेश शर्मा ने कहा है कि सत्र परिवर्तन के कारण एक अप्रैल से 31 मार्च तक का शुल्क लिया जाना है लेकिन शुल्क एक बार ही लिया जाएगा। यदि किसी स्कूल ने दो बार शुल्क लिया है तो दोबारा लिया गया फीस का पैसा छात्रों को वापस कर दें।