छात्रों को फंसाने के लिए कॉलेज खुद को दे रहे रैंक

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय (यूपीटीयू ) ने बीते कई सालों से संबद्ध कॉलेजों की कोई रैंकिंग नहीं की है। बावजूद, दाखिले पाने की होड़ में कॉलेज खुद को न बर वन बताकर छात्रों को रिझाने में लगे हैं। राजधानी समेत प्रदेश भर में संचालित कॉलेजों में इसकी होड़ मच गई है। इस स्थिति से अभिभावकों और छात्रों को गुमराह होने से बचाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक निर्देश जारी किया है। साफ किया है कि विश्वविद्यालय की ओर से कोई रैंंकिंग जारी नहीं की गई है। किसी कॉलेज द्वारा भ्रामक सूचना जारी करने पर कार्रवाई तक की चेतावनी दी है।
प्रदेश में 6३0 इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज संचालित किए जाते हैं। इनमें दाखिले का समय चल रही है। राज्य प्रवेश परीक्षा (एसईई) के माध्यम से कॉलेजों में होने वाले दाखिलों की सं या बेहद कम है। एेसे में छात्रों का आकर्षित करने के लिए कॉलेज रैंकिंग का सहारा लेते हैं। शहर में कई कॉलेज लगातार खुद को न बर वन होने का दावा कर रहे हैं। हाल में गाजियाबाद के कुछ कॉलेजों ने मिलकर अपनी रैंकिंग तक जारी कर दी है। इसके बाद, विश्वविद्यालय को निर्देश जारी करने पड़े। परीक्षा नियंत्रक प्रो.बीएन मिश्र की ओर से जारी निर्देश में कहा है कि सम सेमेस्टर परीक्षा 2014-१५ के प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम अभी तक घोषित भी नहीं किए गए हैं। जबकि, कुछ कॉलेज इन नतीजों के आधार पर खुद के न बर वन होने का दावा कर रहे हैं। तीन से चार साल पहले तक यूपीटीयू भी अपने कॉलेजों की रैंकिंग जारी करता था। परीक्षाओं में कॉलेजों के प्रदर्शन के आधार पर यह रैंकिंग तैयार की जाती रही थी। जानकारों की मानें तो, परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन करने वाले कुछ निजी कॉलेजों के दबाव में इस रैंकिंग को बंद कर दिया गया। इसके बाद से आजतक कोई रैंकिंग जारी नहीं की गई है।