इंडियन कुम्हारों की चायनीज दिये तोड़ रहे कमर

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रायपुर। दीपावली पर्व को महज 14 दिन शेष बचे है इसे देखते हुए प्रदेश के कुम्हार दीपावली के लिए मिट्टी के दिए बनाने के काम में जुट गए है। दीपावली में घर-घर मिट्टी के दिए जलाए जाते है। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में कुम्हार इन दियों को बनाने के काम में जुटे हुए है। अक्टूबर माह के बाद नवंबर माह शुरू होते ही दिए बिकने के लिए बाजारों में भी पहुंचने लगेंगे। महंगाई के जमाने में दीपावली पर्व वैसे तो अब सिर्फ अमीरों का त्यौहार बनकर रह गया है, लेकिन इसके बावजूद गरीब व मीडियम वर्ग के लोग मिट्टी के दिए जलाकर अपने घरों को रोशन करते है।
आमदनी पर चाईना दियों की मार: प्रदेश में बन रहे मिट्टी के साधारण दियों के साथ बाजारों में अब रंग-बिरंगे विविध डिजाईनों में चाईना दिए भी बिकते है। ये दिए साधारण दियों की तुलना में बड़े और सुंदर दिखते है, जिसके चलते साधारण दियों की अपेक्षा चाईना दियों की अधिक बिक्री होने लगी है। यहीं वजह से साधारण दियों का व्यवसाय करने वाले प्रदेश के कुम्हारों की आमदनी कम हो गई है। साधारण दियों की तुलना में चाईना दिए अधिक महंगे: मिट्टी से बने साधारण दिए और चाईना दिए की कीमत की बात करें तो चाईना के दिए अधिक महंगे है। साधारण दिए सैकड़ा में 60 रूपये में बिक रहे है, वहीं चाईना के दिए साधारण दिए की तुलना में काफी ज्यादा महंगे होते है, लेकिन इसके बावजूद लोग चाईना के दिए खरीदना पसंद कर रहे है।