निचली अदालतों में जजों के पद ढाई हजार करने का निर्देश

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इलाहाबाद । इलाहाबाद हाईकोर्ट के सात न्यायाधीशों की वृहदपीठ ने अगले बजट सत्र 2016-17 तक प्रदेश की निचली अदालतों में न्यायाधीशों के पद बढ़ाकर ढाई हजार करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है। इस समय प्रदेश की निचली अदालतों में न्यायाधीशों के दो हजार पद हैं। सरकार दस फीसदी यानि 200 पद बढ़ाना चाहती थी।
चीफ जस्टिस डॉ.डीवाई चंद्रचुड़, जस्टिस राकेश तिवारी, जस्टिस वीके शुक्ला, जस्टिस अरूण टंडन, जस्टिस तरूण अग्रवाल, जस्टिस दिलीप गुप्ता और जस्टिस एपी शाही के सात जजों की बेंच के निर्देश पर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजनए प्रमुख सचिव वित्त और अपर विधि सचिव मो.शाहिद उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश में 113 ग्राम अदालतों सहित 38 अतिरिक्त अदालतें व 212 फास्ट ट्रैक कोर्ट की मंजूरी दी जा चुकी है। जिसके लिए बजट की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 10 फीसदी, 200 न्यायाधीशों के पद स्वीकृत किए हैं। हाईकोर्ट व अदालतों की सुरक्षा के लिए सिविल वर्क शीघ्र ही शुरू होगी। सिविल वर्क पूरा होते ही बायोमेट्रिक कार्ड, बैग स्कैनर, मेटल डिटेक्टर और अन्य उपकरण लगाने का काम शुरू होगा। इसके लिए विभाग द्वारा 30 नवंबर तक मिलने वाले प्रस्ताव के तहत बजट पास किया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि 9 जिला अदालतों व जिला जेलों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग की व्यवस्था कर ली गई है। 52 अदालतों में काम प्रगति पर है। जल्द ही सभी 75 जिला अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था कर ली जाएगी।
हाईकोर्ट की सुरक्षा मार्च से पहले पूरा करने का निर्देश : हाईकोर्ट की सुरक्षा मार्च 2016 से पहले पूरा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अदालतों के लिए जमीन की भी व्यवस्था करने को कहा है। अदालतों में 2690 सीसीटीवी कैमरेए 617 एचएचएमडी, 400 बैग स्कैनर लगेंगे। इसके लिए 75 करोड़ जारी किए गए हैं। हाईकोर्ट के लिए 32 करोड़ मांगे गए हैं। 7 से 26 करोड़ मिले हैं। कोर्ट ने सरकार द्वारा अदालती सुरक्षा इंतजामों की निगरानी कमेटी में दो प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी रखने को कहा है। कमेटी मुख्य सचिव गठित करेंगे। कोर्ट में महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह, अपर महाधिक्ता कमरूल हसन सिद्दीकी व मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय मौजूद थे।