लोक अदालत में निपटाये गये 4 हजार से ज्यादा मुकदमे

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लखनऊ। विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार मासिक  लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान 4846 वादों का निस्तारण किया गया। यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव चंद्रमणि ने दी। उन्होंने बताया कि जनपद न्यायाधीश औैर प्राधिकरण के अध्यक्ष विनोद कुमार श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन में दीवानी न्यायालय परिसर, पारिवारिक न्यायालय परिसर, तहसीलों और कलेक्ट्रेट में में लोक अदालतें लगायी गयी। राजधानी में लगी लोक अदालत में 10 मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों का निस्तारण 31 लाख 10 हजार रुपये पीडि़त पत्र को दिलाकर किया गया। इसके अलावा बीएल केसरवानी प्रथम अपर जिला न्यायधीश ने 5 मोटर दुर्घटना मामलों का निस्तारण करते हुए पीडि़त पक्ष को 11 लाख 80 हजार रुपये प्रतिकर के रुप में दिलवाये। सिविल जज सीनियर डिवीजन एवं सिविल जज जूनियर डिवीजन द्वारा 21 उत्तराधिकार के वादों एवं 22 सिविल वादों का निस्तारण किया गया। इसी क्रम में सोमप्रभा मिश्रा मु य न्यायिक मजिस्टे्रट, अपर मु य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 4235 फौजदारी के मामलों का निस्तारण किया गया, तथा जुर्माने के रुप में 2 लाख 18 हजार 250 रुपये की राशि वसूली गयी। चंद्रमणि ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश तथा अविनाश नारायण पांडेय अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय द्वारा 50 पारिवारिक मुकदमों का निस्तारण किया गया। इसके अलावा स्थायी लोक अदालत में देवेन्द्र नाथ अग्रवाल द्वारा 21 जनपयोगी सेवाओं से संबंधित वादों का निस्तारण किया गया। जिलाधिकारी लखनऊ द्वारा 15 जलसंस्थान संबंधी तथा 134 राजस्व, फौजदारी के 162 और स्टाम्प के 2 वादों का निस्तारण किया। इसके अलावा मासिक लोक अदालत में एनआईएक्ट के तहत 5 चेक बाउंस मामलों का निस्तारण किया गया। साथ ही प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक विवादों के 142 वादों का निस्तारण किया गया, इसमें सबसे ज्यादा मामले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के थे। इन मामलों के निस्तारण में ऋण वापसी के रुप में 65 लाख 85 हजार 359 रुपये प्राप्त किये गये। अगली मासिक राष्टï्रीय लोक अदालत का आयोजन 8 अगस्त को किया जायेगा।