पीएम मोदी के क्षेत्र की सेवइयां पाकिस्तान में है ज्यादा फेमस

Sevai Rolls

तेजबल पांडे
वाराणसी। बनारसी पान, साडिय़ां, गंगा घाट और मंदिर तो दुनियाभर में फेमस है। इसके अलावा यहां की सेवइयां भी देश-विदेश में काफी पसंद की जाती है। पाकिस्तान और खाड़ी देशों में इसकी काफी मांग है। रमजान में तो यह चरम पर होता है। रमजान के लिए यहां तरह-तरह की सेवइयां बनाई जाती हैं। भदऊ चुंगी कजाकपूरा गंगा जमुनी तहजीब का एक उम्दा नमूना है। जो सेवइयां रमजान के मौके पर मुस्लिम परिवारों में मिठास बढ़ाती हैं उन्हें बनाने वाले 80 फीसदी करीगर हिंदू हैं। यह सिर्फ व्यवसाय नहीं एक-दूसरे को जोडऩे का साधन भी है। सेवई बनाने वाले रफीक ने बताया कि सालभर में करीब 16 सौ क्विंटल सेवई बनाते हैं, इसमें से करीब एक हजार क्विंटल केवल रमजान में बनाते हैं। बड़े व्यापारी इसे खाड़ी देशो में भेजते हैं। सेवई निर्माता मोहम्मद हैदर ने बताया खास सिवइयां रमजान के मौके पर इफ्तार के बाद रोजेदार के मुंह की लज्जत बढ़ाता है। इनकी वेरायटी भी एक दो नहीं बल्कि दर्जनों हैं। गल्फ कंट्रीज के लिए मुंबई के व्यापारी काशी से माल ले जाते हैं। किमामी सेवई. यह सबसे बारीक सेवई होती है। इसकी कीमत 900 से 1200 रुपए किलो होती है। इसको चीनी चीनी की चासनी में पकाया जाता है। इसे बनाने में बारीक मैदेए आटा, हल्का नमक, और घी का इस्तेमाल किया जाता है। छड़ ये सेवई मोटी होती है। इसकी कीमत 150 से 200 रुपए प्रतिकिलो होती है। इसमें मैदे की मात्रा अधिक होती है। फेनी इसकी डिमांड भारत में सबसे ज्यादा है। कच्चे या पके दूध में चीनी की चासनी से बनाया खाया जाता है। रोस्टेड भट्टी पर कड़े बारीक मैद, आटा, हल्का नमक, मामूली घी डालकर बनता है।