सरकारी ब्लड बैंक से झोलाछाप भी कर रहे हैं ट्रांसफ्यूजन

bloodसुलतानपुर। जहां तक स्वास्थ्य विभाग के नियमों की बात है तो काफी सख्त दिखाई पड़ता है, परनतु सख्ती का कितना क्रियान्वयन होता है इसका जीता जागता उदाहरण जिला चिकित्सालय में चलने वाले ब्लड बैंक में देखने को मिल जाएगा। नियमों के हिसाब से ब्लड बैंक से एमबीबीएस डाक्टर ही खून ले सकता है। उसी के द्वारा डिमांड हो सकती है परन्तु यहां लल्लू-पप्पू, सुग्गन-ढुक्कन सभी झोलाझाप ब्लड बैंक से ब्लड ट्रंासफ्यूजन कर रहे हैं। ब्लड बैंक कर्मियों के द्वारा मना करने पर झोलाछाप इन पर रौब गालिब करते हैं और हठधर्मिता इतनी कि इनकी षिकायत सीएमओ से लेकर उच्चाधिकारियों से करने की बात करते हैं। बीते दो दिन पहले की बात है। जनपद का सबसे चर्चित नर्सिंगहोम वन्दना हॉस्पिटल और उसके डाक्टर यूके श्रीवास्तव से जुड़ा है। बताते चलें कि यह वही नर्सिंगहोम है और वही डाक्टर है जिसने बीते वर्ष में एक महिला मरीज को संक्रमित रक्त चढ़ा दिया था। बाद में पता चला कि उक्त महिला मरीज को एड्स हो गया है। हो-हल्ला हुआ तो स्वास्थ्य विभाग ने जांच किया और पाया कि मामला सही है। जांच रिपोर्ट के अनुसार नर्सिंगहोम पर ताला लग गया और डाक्टर यूके श्रीवास्तव पैदल हो गया। परन्तु जुगाड़ी डाक्टर ने पुन: जुगाड़ लगाकर दूसरे रजिस्टेऊषन न्यू वन्दना के नाम से करवा लिया और फिर लूटपाट का काम शुरू कर दिया। सवाल उठता है कि जब स्वास्थ्य विभाग ने वन्दना हॉस्पिटल पर कार्रवाई के बाद डा. श्रीवास्तव के अधिकार सीज कर दिए थे तो फिर कैसे दोबारा स्वास्थ्य विभाग ने उसे वन्दना के आगे न्यू लगाकर लाइसेंस दे दिया। इस संबंध में जब सीएमओ डा. केबी सिंह से बात हुई तो उन्होंने दीपावली त्यौहार के बाद कार्रवाई की बात करते हुए कहा कि यदि इस तरह हो रहा है तो इस पर सख्ती बरती जाएगी। जहां ब्लड ट्रांसफ्यूजन की बात है तो नियमों के तहत ही रक्त मरीजों को दिया जाएगा।