नोटा को लेकर चुनाव आयोग की नई कवायद

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नई दिल्ली। चुनाव में नोटा इनमें से कोई पसंद नहीं के विकल्प को लेकर राज्यसभा और राज्य विधान परिषदों के चुनावों में फैले भ्रम की स्थिति को समाप्त करने के प्रयास में चुनाव आयोग वोट को अमान्य होने से बचाने के प्रयास में कुछ नए दिशा-निर्देश लाया है। आयोग ने कहा कि उसके ध्यान में ऐसे कई मामलों को लाया गया है जहां मतदाताओं ने किसी उम्मीदवार के नाम के आगे अपनी पहली पसंद का निशान तो लगा दिया लेकिन साथ ही नोटा के आगे भी निशान लगा दिया, या फिर कइयों ने अपनी वरीयता पसंद को भी 2, 3 या 4 के रूप में दिखाया है। ऐसा करने से संबंधित मत पत्र अस्वीकृत हो जाता है। ऐसे मामलों को देखते हुए, आयोग ने इस मामले पर नए सिरे से गौर किया और कई नए दिशा निर्देश जारी किए।
चुनाव आयोग ने कहा अगर कोई अपनी पहली पसंद में नोटा के आगे 1 का निशान लगाएगा तो इसे माना जाएगा कि उसने किसी उम्मीदवार के पक्ष में मत नहीं डाला है और ऐसे मत पत्र को अवैध माना जाएगा, भले ही उसने नोटा के साथ ही 1 को अतिरिक्त पसंद के रूप में किसी अन्य उम्मीदवार के नाम के सामने भी निशान लगाया हो। साथ ही यदि पहली पसंद के रूप में किसी उम्मीदवार के आगे निशान लगाया जाता है और दूसरी पसंद के रूप में नोटा पर चिन्ह लगाया जाता है तो ऐसे में मत पत्र को उस उम्मीदवार के लिए वैध माना जाएगा जिसके नाम के आगे पहली पसंद के रूप में निशान लगाया गया है।