मधेसी आंदोलन से नेपाल में कोहराम: पेट्रोल 400 रुपये लीटर

nepal-crisisकाठमांडू। मधेशियों के आंदोलन के कारण पिछले तीन माह से जरुरी चीजों की किल्लत से पूरे नेपाल में त्राहिमाम मच गया है और पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पिछले कुछ समय से नेपाल में दवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। इसके कारण यहां लाखों बच्चों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। यूनिसेफ के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक करीन हुलशोफ ने कहा, वर्तमान में बच्चे जिस दुर्दशा का सामना कर रहे हैं, वह सर्दियों में और भी खराब हो जाएगी। यूनिसेफ ने सभी सदस्यों को संबोधित करते हुए नेपाल में आयात पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए कहा है। आर्थिक नाकेबंदी के कारण नेपाल में आवश्यक सामानों की घोर किल्लत हो गई है। लोगों को तीन गुणे कीमत पर आवश्यक सामान खरीदना पड़ रहा है। दवा के अभाव में बच्चों की जान तक खतरे में पड़ गई है। नेपाल में हुई आर्थिक नाकेबंदी के कारण मालवाहक वाहन सहित पेट्रोलियम पदार्थ व एलपीजी गैस आदि नेपाल नहीं जा पा रहे हैं, जिससे वहां जन जीवन प्रभावित हुआ है। सामानों के समय पर और कम पहुंचने के कारण पेट्रोलियम पदार्थ सहित खाद्य पदार्थों की तस्करी हो रही है।
मधेसी आंदोलन के कारण नेपाल के बीरगंज और उसके आसपास के जिलो में पेट्रोल की कीमत 400 रुपए प्रति हो गई है। एलपीजी गैस भी यहां 7 किलो 500 ग्राम दी जा रही है। खाद्य पदार्थों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। प्रत्येक सामान की कीमत दो से तीन गुणी तक बढ गईं है। यहां तक कि नमक के एक पैकेट की कीमत 100 रुपए हो गई हैं। नेपाल का बड़ा हिस्सा दवाओं और ईंधन के लिए भारत पर निर्भर है। नाकेबंदी के कारण भारत से आवश्यक सामानों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिससे नेपाल में रह रहे लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। काठमांडू में घरेलू गैस की कीमत साढ़े छह हजार रुपए हो गई है जो नेपाली करेंसी में दस हजार रुपए होती है। पहले एक गैस सिलेंडर की कीमत नेपाली करेंसी में 1400 रुपए थी। हालात से मजबूर लोगों ने ईंधन के तौर पर अब पेट्रोल का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया है। नेपाल में पहले एक लीटर पेट्रोल 100 रुपए में मिलता था, जो अब 400 नेपाली रुपए में मिल रहा है।
यूनिसेफ ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि नेपाल में सर्दियों के मौसम में तेल, भोजन, दवाइयों और अन्य चीजों की आपूर्ति की कमी से करीब 30 लाख बच्चों का जीवन खतरे में है। ये 30 लाख बच्चे पांच साल से कम उम्र के हैं। 10 सप्ताहों में नेपाल के नए संविधान को लेकर फैली अशांति के कारण देश की दक्षिणी सीमा पर महत्वपूर्ण वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। सरकार के क्षेत्रीय दवा केंद्रों में पहले से ही तपेदिक के टीकों की कमी चल रही है, जबकि अन्य दवाइयां भी कम ही रह गई हैं।