नई दिल्ली। देश में सिक्कों की खनक कम नहीं हो रही है। जी हां, हमारा कहने का मतलब है कि पिछले कुछ समय के दौरान देश में 1 रु, 2 रु, 5 रु और 10 रु के सिक्को का प्रचलन काफी बढ़ गया है जबकि साथ ही यह भी देखने को मिला है कि 50 पैसे के सिक्कों का प्रचलन जैसे खत्म ही हो गया है। इस बारे में हाल ही में सूचना का अधिकार कानून से यह जानकारी सामने आई है। जारी की गई जानकारी से यह बात भी सामने आई है कि भारतीय बाजार में सिक्कों का भाग बीते 5 सालों के दौरान 42.10 फीसदी हो गया है जोकि 5 साल पहले महज 29.10 फीसदी देखने को मिला था। इस बारे में रिजर्व बैंक ने भी यह जानकारी देते हुए बताया है कि 50 पैसे के बजाय अन्य सिक्कों का प्रचलन बढ़ रहा है। जहां मार्च 2011 में बाजार में 1 रु के सिक्के की संख्या (प्रचलन में) 3267.5 करोड़ थी वहीं मार्च 2015 में यह संख्या 4162.7 करोड़ हो गई है जबकि यह देखने को मिला है कि 50 पैसे के सिक्के का इतना इस्तेमाल नहीं हो पाया है। यहां तक की वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान 50 पैसे के सिक्के का उत्पादन भी कुल सिक्का उत्पादन में केवल 14.90 फीसदी ही रहा है। गौरतलब है कि बहुत लम्बे समय से 50 पैसे के सिक्के बाजार में आसानी से देखने को भी नहीं मिल रहे है.।