हाईकोर्ट ने कहा: गन्ने की खेती रोकें वरना रेगिस्तान बन जाएगा मराठवाड़ा

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मुंबई (आरएनएस)। किसानों को राहत देने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं। हाईकोर्ट ने जल विशेषज्ञ राजेंद्र सिंह की राय को दोहराते हुए कहा-मराठवाड़ा में गन्ने की खेती रोकी जाए वरना यह इलाका रेगिस्तान में बदल जाएगा। यहां का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। लिहाजा सरकार सिंह की राय को चेतावनी के रुप में ले। न्यायमूर्ति नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एसबी सुक्रे की खंडपीठ ने सुझाव देते हुए अगली सुनवाई के दौरान संयुक्त कृषि निदेशक को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया। साथ ही सरकार से जानना चाहा है कि आत्महत्याग्रस्त किसानों के कितने परिजनों को रोजगार गारंटी कार्ड दिए गए। एक लाख रुपए दी जाती है मदद : सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने कहा कि सरकार ने आत्महत्या करनेवाले किसान के घरवालों को तुरंत एक लाख रुपए की मदद देने का निर्णय लिया है। इसमें से तीस हजार रुपए नगद दिए जाते है। जबकि सत्तर हजार रुपए बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस में फिक्स में जमा किए जाते हैं। सरकार ऐसे किसानों के बच्चों की शिक्षा पर भी जोर दे रही है। हाईकोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई 18 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
किसानों की मदद के लिए आगे आए रितेश व डीवाय पाटील
बॉलीवुड अभिनेता रितेश देशमुख और शिक्षाविद् डॉ. डीवाय पाटील मराठवाड़ा के आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार के सहयोग के लिए आगे आए हैं। दोनों हस्तियां आदिशक्ति फाउंडेशन के जरिए किसानों के परिजनों की मदद करेंगी। गुरुवार को आदिशक्ति फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष दत्ता पवार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया-फाउंडेशन की ओर से लातूर, बीड़, उस्मानाबाद, जालना और परभणी जिलों में आत्महत्या करने वाले 250 किसान परिवार को गोद लिया जाएगा। लातूर जिले की जिम्मेदारी अभिनेता रितेश के पास होगी। पाटील पांचों जिलों में चलाई जाने वाली योजना की निगरानी करेंगे। हर जिले से 50-50 किसान परिवार को गोद लिया जाएगा। पवार ने कहा कि फाउंडेशन किसान परिवार को नकद राशि नहीं देगा, बल्कि उनको स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जाएगा।