नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि प्राकृतिक ईको-प्रणाली के अस्तित्व के लिए जलवायु परिवर्तन अहम मुद्दा है। वे आज राष्ट्रपति भवन परिसर में स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय में आयोजित ऊर्जा-उत्सव ‘उमंग-2015’ का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने इस आयोजन के लिए दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग, टाटा समूह और राष्ट्रपति सचिवालय की प्रशंसा की।राष्ट्रपति ने कहा कि उमंग-2015 की विषयवस्तु ‘नई जिंदगी की उमंग, स्वच्छ ऊर्जा के संग’ बहुत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि पेरिस में आयोजित जलवायु शिखर वार्ता के मद्देनजर इस आयोजन का महत्व बढ़ जाता है। उन्होंने कहा, ‘ऊर्जा उत्पादन का पूरी दुनिया में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में 35 प्रतिशत हिस्सा है। इसके बाद औद्योगिक उत्पादन से 18 प्रतिशत, कृषि से 14 प्रतिशत, यातायात से 14 प्रतिशत, वनों की कटाई से 10 प्रतिशत, कचरे से 10 प्रतिशत और जल उपचार से 6 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन होती है। घरेलू स्तर पर हम स्वच्छ ऊर्जा अपना सकते हैं और जहां तक संभव हो नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाया जा सकता है। इससे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी आयेगी।’प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यदि हम आज एक बच्चे को ऊर्जा संबंधी विषयों की जानकारी देते हैं, इसका मतलब यह हुआ कि हम एक पूरे परिवार को यह जानकारी प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने आयोजकों की सराहना करते हुए कहा, ‘आज ऊर्जा शिक्षा पर सजग नाम का स्मार्टफोन एप्लीकेशन जारी हो रहा है जिसका उद्देश्य स्कूली बच्चों को ऊर्जा के बारे में शिक्षित करना है। यह हमारी ईको-प्रणाली को बचाने, उसका रखरखाव करने के प्रति हमें कटिबद्ध बनायेगी।’राष्ट्रपति महोदय ने कहा, ‘आज की प्रदर्शनी में मैंने देखा कि कई बच्चों ने ऊर्जा संबंधी नये विचार पेश किये हैं। स्कूलों में एनर्जी क्लब बनाये जाने का विचार बहुत उत्तम है और यह देश में ऊर्जा आंदोलन के रूप में सामने आयेगा। मुझे उम्मीद है कि एनर्जी क्लब भारत के ऊर्जा परिदृश्य को बदलने में अहम भूमिका निभायेगा।’