दुनिया के सबसे ज्यादा सारस उप्र में

crain birdलखनऊ फरवरी। दुनिया में सबसे ज्यादा सारस यूपी में हैं। यह यूपी का पक्षी है। हमें चिडिय़ा और पक्षी बहुत कुछ सिखाते हैं। किसानों के मित्र सारस (क्रेन) को बचाने के लिए उप्र के मुख्यमंत्री आगे आए हैं, मंगलवार को इटावा के सैफई में पहले सारस सम्मेलन में उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हरहाल में सारस का संरक्षण करेगी और इन्हें विलुप्त नहीं होने देगी। उन्होने सारस संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अलीगढ़ की शेखा झील को विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सारस मित्रों को एक हजार रुपए मानदेय देने की घोषणा की।
मंगलवार को सैफई में आयोजित सारस और वेटलैण्ड संरक्षण पर सम्मेलन में दावा किया गया कि दुनिया में सबसे अधिक सारस इटावा और मैनपुरी में हैं लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या कम हो रही है। देश भर से आए वैज्ञानिकों ने बताया कैसे सारस किसानों और पर्यावरण का मित्र है। सीएम ने वेटलैण्ड बचाने पर जोर दिया और कहा जो ग्राम प्रधान इस पर कब्जा करा देते हैं अब उनकी प्रधानी नहीं बचेगी।
सारस विश्व के अत्यन्त लुप्तप्राय पक्षियों में से एक है। विश्व में इनकी पाई जाने वाली 15 में से 11 प्रजातियों के पक्षियो ंकी संख्या निरन्तर घट रही है, जो चिन्ता का विषय है। सारस क्रेन जो उड़ सकने वाले पक्षियों में सर्वाधिक ऊंचाई के होते हैं, इन लुप्त प्राय 11 प्रजातियों में से एक है। भारतवर्ष में क्रेन की 6 प्रजातियां पायी जाती हैंए जिनसे सारस सर्वाधिक लोकप्रिय है। सारस भारतवर्ष के अलावा नेपाल के तराई क्षेत्रों में, म्यांमार के कुछ क्षेत्रों में, कंबोडिया एवं वियतनाम के फ्लडप्लेन क्षेत्रों में तथा उत्तरी आस्ट्रेलिया में पाये जाते हैं। भारत वर्ष में सारस क्रेन उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्यपद्रेश, बिहार, छत्तीसगढ़ तथा उत्तरपूर्वी महाराष्ट्र में पाये जाते हैं।

सारस के लिए नदियों से होने वाले अवैध खनन को भी रोकें मुख्यमंत्री-उप्र भाजपा
भाजपा ने कहा कि अंर्तराष्ट्रीय सारस संगोष्ठी का आयोजन कर रही अखिलेश सरकार सारस पक्षियों के बेहतर पर्यावास माने जाने वाली केन नदी के घाटों पर हो रहे अवैध खनन और उसके कारण नष्ट हो रहे सारस पक्षियों के प्रकृति वास पर सरकारी सुझाव को भी अमल में लाये।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सारस पक्षियों का केन्द्र उप्र बने इसके लिए प्रयास भी होने चाहिए। उन्होंने कहा राज्य में लगातार पशु पक्षियों के अवैध शिकार के मामले आते रहे पर जैसे राज्य में अपराध के अन्य मामले पर नियत्रंण सरकार की प्राथमिकता का विषय नहीं है वैसे ही पशु पक्षियों के अवैध शिकारी मफियाओं के लिए अखिलेश सरकार मुनासिब साबित हो रही है।