कौन है प्रिया बंसल जिसने ‘आप’ को दिये सात बार 34-34 लाख का चंदा

चंदे के मामले में आप का रवैया बाकी दलों से अलग नही
election watchनयी दिल्ली फरवरी। सभी को शुचिता का पाठ पढ़ाने वाली आम आदमी पार्टी ने दल को दान करने वाले प्रमुख दस दान कर्ताओं के बारे में अधूरी जानकारी दी है। पार्टी के वित्तीय वर्ष 2013-14 और 2014-15 के विश्लेषण  में यह जानकारी सामने आयी है। 2014-15 में बजाज इलेक्टोरल ट्रस्ट ने चेक सक पार्टी को 3 करोड़ पार्टी को दान दिया पर चेक संख्या उपलब्ध नही है।
प्रिया बंसल ने 8 बार दान किया है। उन्होने एक बार 36 लाख व सात बार 34 लाख का दान किया है, लेकिन इस दान दाता के बारे में पार्टी ने पूरी जानकारी नही दी है। उनका पता, पैन विवरण मौजूद नही है। सवाल यह है कि दूसरों पर ऊंगली उठा कर भ्रष्ट कहने वाले अरविंद केजरीवाल क्या प्रिया बंसल की जानकारी देगें।
आम आदमी पार्टी को मिले चंदे का एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर)-दिल्ली इलेक्शन वॉच ने विश्लेषण किया है। पार्टी को वित्तीय वर्ष 2013-14 व 2014-15 में कुल मिलाकर 44.71 करोड़ का दान मिला। जिसमें 25 प्रतिशत धनराशि विदेशों से प्राप्त हुई। रोचक यह है कि 2014-15 में पार्टी को 2.68 करोड़ का दान मिला, इस साल हर एक दान 20,000 से कम की रकम का था। पार्टी ने अपने 111 दान दाताओं के नाम, पता और पैन का विवरण नही दिया है। इनसे दल को 91.47 लाख रूपये मिले हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में आम आदमी पार्टी ही राज्य की मान्यता प्राप्त पार्टी है। बाकी छ: पार्टियां राष्ट्रीय है। आम आदमी पार्टी को 2013-14 में 9.42 करोड़ से वित्तीयवर्ष 2014-15 में 275 प्रतिशत बढक़र 35.28 करोड़ हुआ है। इसी दौरान राष्ट्रीय पार्टियों को दान में मिली रकम में महज 151 प्रतिशत का ईजाफा हुआ है। पर अच्छी बात है कि पार्टी ने 2014-15 के दान रिपोर्ट में 20,000 से कम रकम देने वाले दान दाताओं की जानकारी दी है। एडीआर का मानना है कि जिस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उम्मीदवारों को नामांकन का कोई कॉलम खाली नही छोडऩा होता है उसी तरह राजनीतिक दल भी अपने चंदे का हिसाब फार्म 24ए का कोई कॉलम खाली न छोड़े। जिसमें राजनीतिक दल अपने दानदाताओं की जानकारी देते हैं। एडीआर का मानना है कि दानदाताओं की पूरी जानकारी देनी चाहिए। भूटान, नेपाल,जर्मनी, ब्राजील, बल्गारिया, अमेरिका, जापान आदि देशों में राजनीतिक दल दानदाताओं की जानकारी देते हैं। इसके साथ ही इलेंक्ट्रोरल ट्रस्ट को भी अपने दानदाताओं की जानकारी देनी चाहिए। बहुत बार राजनीतिक दल आपने चंदे की जानकारी चुनाव आयोग को समय से नही देते हैं। ऐसे दलों को टैक्स में छूट से वंचित करने के साथ उनकी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई होनी चाहिए।
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