रेप की कहानी सुन उड़ गये पुलिस के होश

rape 5लखनऊ। पीजीआई की नर्स पर नाबालिग का चार महीने तक रेप कराए जाने का मामला सामने आया था। जिसके बाद कल पीडि़ता ने पुलिस को बयान दिया। पीडि़ता के मुताबिक, लखनऊ में पीजीआई की नर्स सुशीला सचान ने डॉक्टरों से उसका रेप करवाया। पीडि़ता ने बताया कि 150 दिन में 450 लोगों उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस ने जिला अस्पताल उर्सला में पीडि़ता का मेडिकल कराया। पुलिस ने उसकी तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है। हालांकि, एसपी साउथ अतुल श्रीवास्तव का कहना है कि चार महीने बाद रिपोर्ट दर्ज कराने के पीछे के रहस्य को भी जानने की कोशिश जा रही है। उन्होंने बताया कि अगस्त 2015 के बाद 17 फरवरी 2016 को इस मामले की तहरीर देने आई पीडि़त से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसको और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई थी। इस वजह से उसने अपने घर में किसी को कुछ नहीं बताया था।बर्रा इलाके के रामजानकी मंदिर के पास रहने वाले सुनील के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। आरोपी सुशीला सचान लखनऊ पीजीआई में नर्स है। उसका कानपुर के बर्रा में दो स्कूल और लखनऊ के बरगंवा गांव में शांति मेडिकोस नाम का हॉस्पिटल भी है। पीडि़त छात्रा सोनिया (बदला हुआ नाम) सुशीला और उसकी बहन भी यहीं पढ़ती थीं। इसी स्कूल में पीडि़ता की मां साफ-सफाई का काम करती थीं। पीडि़ता ने बताया कि बीते 26 जनवरी 2015 को सुशीला सचान मेरे घर आई। उसने मेरी मां से कहा कि आयुषी को मेरे साथ लखनऊ भेज दो। वह मेरी और मेरे 2 साल के बच्चे की देखभाल करेगी। मां ने मुझे उसके साथ लखनऊ भेज दिया। सुशीला ने एक हफ्ते तक तो ठीक से रखा, लेकिन इसके बाद अचानक एक दिन वार्ड की सफाई करने को कहा। वार्ड में तीन लोग पहले से मौजूद थे, जिन्होंने मेरे साथ रेप किया। इसके बाद वहां 8 महीने तक अलग-अलग डॉक्टरों ने मेरा रेप किया।