टप्पल किसान संघर्ष में निमेष आयोग ने बसपा सरकार को दी क्लीन चिट

अखिलेश यादव ने दिये किसान नेता के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश

mujaffarnagarलखनऊ  मार्च। पांच साल पहले उप्र के अलीगढ़ के टप्पल के जिकरपुर गांव में हुई किसानों व पुलिस के बीच संघर्ष व हिंसा में तीन किसानों व पीएसी के सूबेदार की मौत के मामले की जाचं कर रहे एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग ने मारे गए लोगों के परिवार को मुआवजा देने व आंदोलनकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की सिफारिश के साथ पूरी प्रशासनिक कार्रवाही को सही ठहराया है। आयोग की रिपोर्ट से तत्कालीन बसपा सरकार को क्लीन चिट मिल गई है।
आयोग ने कहा है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उचित व जरूरी कार्यवाही की गई जिससे बहुत बड़ी घटना होने से बची। आयोग की रिपोर्ट पर प्रदेश सरकार की कार्रवाई का ब्यौरा रविवार को उप्र विधानसभा में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पेश किया। आयोग की सिफारिश के मुताबिक राज्य सरकार ने किसान नेता मनवीर तेवतिया के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी एसपी अलीगढ़ को दे दिया है।
बसपा सरकार में हुई टप्पल की घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया था। तत्कालीन विपक्षी पार्टी सपा ने इसे किसानों पर अत्याचार करार दिया था। जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने टप्पल में पद यात्रा की थी।
यमुना एक्सप्रेस वे परियोजना में मार्डन सिटी विकसित करने के लिए अधिगृहित की गई भूमि का नोएडा के दर से मुआवजा मांग रहे किसान आंदोलित थे। 14-15 अगस्त 2010 को किसानों व पुलिस के बीच टकराव हो गया। हिंसक झड़प में पीएसी के सूबेदार बृजेंद्र सिंह की मृत्यु हो गई, लांसनायक राजकुमार की जांघ में गोली लग गई। कई अन्य पुलिस कर्मियों के भी चोंटें आयी। किसान धमेंद्र सिंह, प्रशांत शर्मा व मोहित की मृत्यु हो गई। निमेष आयोग का कहना है कि इन किसानों की मौते के लिए कौन जिम्मेदार है साफ नही है।
अवकाश प्राप्त न्यायधीश आरडी निमेष की रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के लिए जिकरपुर गांव के किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया व आंदोलनकारी किसान, महिलाएं, व लडक़े सीधे जिम्मेदार है इनकी शिनाख्त कर उनके खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति भी की गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा को बताया है कि आयोग की सिफारिशों पर डीजीपी, डीएम व एसएसपी अलीगढ़ को कार्रवाही के निर्देश दे दिये गए है।
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