लखनऊ। त्यौहारों की परंपरागत मिठाईयां और उसे बनाने सैकड़ों साल पुराने पेशेवर हलवाई की दुकानों ने नये दौर में अपना लुक और टेस्ट दोनों बदल दिया है। खानदानी पेशेवरों ने नवधनाड्य ग्राहक के लिए 35 से 42 हजार रूपये किलो कीमत की गोल्ड गुझिया पेश की है। गोल्ड गुझिया, पिस्ते, चिलगोजे और स्वर्ण भस्म और गोल्ड वर्क के साथ बेहद सेहतमंद कॉकटेल है। जिसमें बेहद नायाब स्वाद है। हुनरमंदी के चलते होली के त्यौहार में मेवे की मिठाइयों का जलवा नजर आने लगा है। यह बदलाव बेहद अनोखा है। जिसमें नये प्रयोग हो रहें है। मिठाईयों के परंपरागत नाम को टक्कर देने के लिए नये पकवान आ गए है। देशी पद्वति में ग्लोबल तड़का लग रहा है।
फाल्गुन की बहार में होली बेहद उत्साहित करती है। मावे में मिलावट की चर्चाओं ने बाजार की मांग पर असर डाला है। गुझिया के साथ भी नये प्रयोग हो रहें है। 400 रूपये किलो कीमत की मैदे में घी के मोयन और शक्कर, मावा और मेवा भर कर तल कर तैयार होने वाली गुझिया की जगह, बेक और मेवे की गुझिया बाजार में आ गई है। 35 हजार रूपये किलो की गोल्ड गुझिया तैयार करने वाले मधुरिमा स्वीट्स के मनीष गुप्ता के पूर्वजों ने 1825 में पहली बार मिठाई का कारोबार शुरू किया था। एमबीए करने के बाद मिठाई के परिवारिक कारोबार संभाल रहे मनीष ने बताया कि संपन्न ग्राहक नये स्वाद की मांग करते है। गोल्ड गुझिया की तैयारी दिपावली के बाद से शुरू कर दी गई थी। तमाम प्रयोगों के बाद एक कामयाब स्वाद मिला। यह स्वाद लोगों को भा रहा है। होली के दौरान बदल रहे मौसम में स्वर्ण भस्म शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को दुरूस्त करने में मदद भी करता है। स्वाद के साथ सेहत का भी ध्यान रखा गया है। लो फैट-लो कैलोरी पर जोर दिया गया है। मेवे की मिठाई के लिए जरूरी है कि मुंह में रखते ही घुल जाए ताकि स्वाद बेहतर तरीके से महसूस हो सके। कोको एम, मैंगों पैशन, अल्मंड ग्लोब, पिस्ता सैफ्रांन बॉल, कैपचीनों क्रंच, फिट्जी नई मिठाइयों के कुछ नाम है। यह बड़ों के साथ चॉकलेट प्रेमी बच्चों को बेहद भा रही है।
उप्र की परंपरागत मिठाई नये दौरे में है। मेरठ, लखनऊ, वाराणसी में नित नये प्रयोग हो रहें है। अकेले लखनऊ में एक दर्जन मिठाई की दुकानें ऑनलाइन है। सभी एक से बढ़ कर एक स्वाद पेश कर रहें है। लखनऊ की मधुरिमा, छप्पनभोग, राधेलाल, राम आसरे, नीलकंठ, मोती महल जैसे ब्रांड ऑनलाइन व्यवसाय कर रहें है तो वाराणसी की सबसे पुरानी मिठाई की दुकान श्री राजबंधु भी ऑनलाइन है। मिठाई के शौकिन राम मिश्र ने कहा कि समय के साथ मिठाई की हैसियत बदल रही है, अच्छी बात है कि देशी मिठाई वाले चॉकलेट बनाने वाली मल्टीनेशनल कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रहें है।