उत्तराखंड संकट:विजय बहुगुणा के बेटे को किया निलंबित

uttrakhand-2देहरादून। उत्तराखंड में हिमालय की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी और निचले इलाकों में कहीं बूंदाबांदी व हल्की फुहार के बीच राजनीति की तपिश बढ़ती जा रही है। उत्तराखंड का राजनैतिक संकट देश के राष्ट्रपति के चौखट पर पहुंच गया है। इस बीच बागी कांग्रेसियों के नेता पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा और दर्जा धारी एवं कांग्रेस के महासचिव अनिल गुप्ता को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। साकेत बहुगुणा कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य थे। इसके पहले रविवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके समर्थकों ने बागी विधायक हरक सिंह रावत के दफ्तर से स्टाफ को बाहर निकाला। साथ ही वहां रखी फाइलों को खंगाला। इसके बाद दफ्तर को सील कर चाबी मुख्यमंत्री हरीश रावत के सुपुर्द कर दी गई। उन्होंने मीडिया से भी बात नहीं की। इस दौरान उनके साथ संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश भी थी।
सरकार विधायकों को बहुमत तक एकांतवास दे रही है ताकि और डैमेज की आशंका टाली जा सके। सरकार प्रमुख विपक्षी दल भाजपा पर सरकार गिराने के लिए हार्स ट्रेडिंग का आरोप भी लगा रही है। यही कारण है कि कुछ कांग्रेसी विधायकों के साथ ही सरकार के सहयोगी दल प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट ;पीडीएफद्ध के विधायकों को भूमिगत कराया जा रहा हैए पीडीएफ के यूकेडी विधायक प्रीतम पंवार रामनगर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह पहले दिन से ही सरकार के साथ हैं। सरकार को कोई खतरा नहीं है। सभी विधायकों को एक होटल में रखा गया है। होटल को छावनी में बदल दिया गया है।
उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार में बगावत के कारण शुक्रवार से चल रहे सियासी घमासान में शनिवार को नया मोड़ आ गया। राज्यपाल डाण् कृष्णकांत पाल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को 28 मार्च तक बहुमत साबित करने को कहा है। राजभवन ने सचिव विधानसभा से इस पूरे प्रकरण की सीडी और दस्तावेज भी तलब किए। उधरए कांग्रेस की मुख्य सचेतक डाण् इंदिरा हृदयेश की ओर से पार्टी के बागी नौ विधायकों पर व्हिप के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल को पत्र लिखा गयाए जिस पर विस अध्यक्ष ने सभी नौ बागी विधायकों को नोटिस जारी कर दिए।
शुक्रवार अपराह्न सरकार की ओर से आनन फानन बुलाई गई कैबिनेट बैठक में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से और विधायक सुबोध उनियाल के छोटे भाई महाधिवक्ता यूके उनियाल पर अविश्वास प्रकट करते हुए उन्हें पद से हटाने का निर्णय लिया गया। देर शाम मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजभवन में राज्यपाल डाण् कृष्णकांत पॉल से भेंट कर उन्हें शुक्रवार के पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। राजभवन में सुबह से ही राज्यपालए प्रमुख सचिव न्याय और अपने विधि प्रकोष्ठ के सदस्यों के साथ विधिक स्थिति पर मंथन करते रहे। सदन में हुए घटनाक्रम की वस्तुस्थिति जानने के लिए विधानसभा से सदन की कार्यवाही की सीडी व दस्तावेज मंगाए गए। शाम को उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत को सदन में बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का समय देने के निर्देश जारी किए।
विधानसभा अध्यक्ष ने गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने पत्र लिख व्हिप का उल्लंघन होने का उल्लेख करते हुए बागी विधायकों की सदस्यता बर्खास्त करने का अनुरोध किया। सभी नौ विधायकों को नोटिस भेजे गए हैं। विधायकों को नोटिस सर्व होए इसके लिए ई.मेल करने के साथ ही इन्हें उनके घरों पर भी चस्पा किया जाएगा। सीएम हरीश रावत ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। सदन के भीतर सरकार अपना बहुमत साबित करेगी। बागी विधायकों में से चार.पांच हमारे संपर्क में हैं। वे अपनी गलती स्वीकार कर वापस आ जाएंए भाजपा के मुगालते में न रहें।
शुक्रवार को विधानसभा में विनियोग विधेयक पारित किए जाने को लेकर हुए बवाल के बाद शनिवार को राजनैतिक गतिविधियां देहरादून के साथ ही नई दिल्ली में केंद्रित रहीं। भाजपा के केंद्रीय नेता पार्टी के 26 और कांग्रेस के नौ बागी विधायकों के साथ देर रात दो बजे नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इधरए कांग्रेस के लिहाज से देहरादून में शनिवार का दिन भी सरगर्मी भरा रहा। मुख्यमंत्री हरीश रावतए डिप्टी स्पीकर अनुसूया प्रसाद मैखुरीए संसदीय कार्यमंत्री डाण् इंदिरा हृदयेशए काबीना मंत्री यशपाल आर्य व दिनेश धनै तथा विधयक हेमेश खर्कवाल विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से मिलने पहुंचे। यहां काफी देर तक सबकी बंद कमरे में बातचीत होती रही। दोपहर यहां से निकल कर मुख्यमंत्री कैंट रोड स्थित आवास पहुंचे। यहां तकरीबन सभी कैबिनेट मंत्रियों के साथ विधायकों से उन्होंने वर्तमान हालात पर लंबी चर्चा की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में शिरकत की। इस दौरान मीडिया से बातचीत में संसदीय कार्यमंत्री डाण् इंदिरा हृदयेश ने कहा कि विनियोग बजट पारित होने के बाद भाजपा ने हंगामा किया। वैधानिक स्थिति स्पष्ट है। कोई अलग जाता है तो दो.तिहाई सदस्य होने चाहिए। बागियों की सदस्यता बर्खास्तगी के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र दे दिया गया है।