‘‘अतिपिछड़ों को मिले अलग से आरक्षण’’

IMG_20160326_143427लखनऊ मार्च। मोस्ट बैकवर्ड क्लासेज आॅफ इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राम सुमिरन विश्वकर्मा ने कहाकि अति पिछड़े वर्ग की रहनुमाई के लिए इसी वर्ग का नेतृत्व जब तक प्रदेश की सत्ता की अगुवाई नहीं करेगा तब तक अति पिछड़ों के साथ सभी राजनैतिक दल धोखाधड़ी करते रहेंगे।
दो दिवसीय सेमिनार/चिन्तन शिविर में ‘‘अति पिछड़ी जातियों की सामाजिक/राजनैतिक दिशा एवं दशा’’ पर एमबीसीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. रामसुमिरन विश्वकर्मा बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ी जातियों की भागीदारी शासन व प्रशासन में आबादी के अनुरूप नहीं हो पायी है। क्योंकि समाजवादी पार्टी समेत सभी दलों ने आरक्षण के बटवारे में डाड़ी मारी है। इसलिए आने वाले विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियाँ अति पिछड़ों की वकालत करने में जुटी है। उन्होंने कहाकि मण्डल कमीशन में एल0आर0 नायक की सिफारिश लागू कर अति पिछड़ों को आबादी के अनुरूप आनुपातिक आरक्षण दिया जाय। पिछड़ों एवं मण्डल मसीहा बी0पी0 सिंह को भारत रत्न दिया जाय।
उन्होंने कहा कि अति पिछड़ों की आबादी उप्र में 40 प्रतिशत है। पिछड़े वर्ग एवं आभिजात्य वर्ग की आबादी 12 प्रतिशत होते हुए भी कई बार सरकार का नेतृत्व किये हैं। परन्तु अति पिछड़ी जातियों के हितों को नजरअंदाज कर एक ही जाति विशेष को तरजीह दी गयी है। उन्होंने कहाकि उ0प्र0 सरकार के लोक सेवा अयोग में 2012 में 86 में से 54 यादव एस0डी0एम0 बनाये गये , वहीं 45 हजार पुलिस भर्ती 35 हजार केवल इटावा, मैनपुरी, औरैया, कन्नौज व बदायूँ से ही जाति विशेष के लोग भरे गये है। यह एमबीसी के साथ नाइंसाफी है। उन्होंने कहाकि पंचायतराज व्यवस्था संविधान में संशोधन करके इसलिए लागू की गयी कि पिछड़े वर्ग की सभी जातियाँ भी समुन्नत हो सकें, परन्तु सत्ता के गलियारों में मौजूद जाति विशेष के प्रतिनिधित्व ने अति पिछड़ों के हकों पर डाका डाला है। प्रदेश की 53 हजार ग्राम पंचायतों में पिछड़ों के लिए आरक्षित 14 हजार ग्राम प्रधानों में 11 हजार से अधिक तथा 821 ब्लाक प्रमुखों में पिछड़ों के लिए आरक्षित 200 से अधिक ब्लाक प्रमुखों में से 70 प्रतिशत से अधिक यादव व कुर्मी काबिज है। 74 जिला पंचायत अध्यक्षों में से 39 एवं 36 प्राधिकारी क्षेत्र के एम0एल0सी0 में 19 यादव ही है जो 27 प्रतिशत पिछड़ों के आरक्षण से अधिक लाभान्वित है। इसलिए वर्तमान समाजवादी सरकार के नेतृत्व में अति पिछड़ों को अपने हितों की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चै0 लौटन राम निषाद ने केन्द्र व राज्य सरकार से एल0आर0 नायक की सिफारिश के अनुसार अन्य राज्यों की भाॅति पिछड़ों का वर्गीय विभाजन कर अतिपिछड़ों को अलग से आरक्षण देने, सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने की मांग किया। उन्होंने अति पिछड़ों से सामाजिक न्याय व सम्मान के लिए एकजुट हो संघर्ष का आह्वान किया।