एनआईटी को कश्मीर के बाहर स्थापित किया जाए

नई दिल्ली। nit j&kएचआरडी मंत्रालय की ओर से भेजी गई तीन सदस्यीय टीम से गैर कश्मीरी छात्रों ने स्वयं को ‘भारतीय छात्र’ बताते हुए कहा कि यह भारत नहीं है। वे लोग यहां नहीं रह सकते हैं। आप लोगों को कॉलेज कहीं और स्थापित करना होगा।छात्रों ने पत्र में कहा है कि वे लोग केवल दिल्‍ली में ही कोर्इ चर्चा करेंगे। वे लोग इस परिसर में एचआरडी मंत्री से भी कोई चर्चा नहीं करेंगे।

टी-२० वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में टीम इंडिया की हार को लेकर श्रीनगर के एनआईटी में कश्मीरी और बाहरी छात्रों के बीच संघर्ष के बाद गैरकश्मीरी छात्रों ने मानव संसाधन मंत्रालय को लिखे एक पत्र में तीन मांगें रखी हैं।

इस पत्र में गैर कश्मीरी छात्रों ने लिखा है कि एनआईटी के मेन गेट पर तिरंगा फहराया जाना चाहिए। एनआईटी को कश्मीर के बाहर स्थापित किया जाए। उनकी तीसरी मांग है कि एनआईटी प्रशासन का इस्तीफा लिया जाए और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक वे कक्षाओं का बहिष्कार करते रहेंगे।एचआरडी मंत्रालय की ओर से भेजी गई तीन सदस्यीय टीम से गैर कश्मीरी छात्रों ने स्वयं को ‘भारतीय छात्र’ बताते हुए कहा कि यह भारत नहीं है। वे लोग यहां नहीं रह सकते हैं। आप लोगों को कॉलेज कहीं और स्थापित करना होगा।छात्रों ने पत्र में कहा है कि वे लोग केवल दिल्‍ली में ही कोर्इ चर्चा करेंगे। वे लोग इस परिसर में एचआरडी मंत्री से भी कोई चर्चा नहीं करेंगे।

एनआईटी छात्र हरष शुक्ला ने कहा कि मत पूछिए, उस रात क्या हुआ। ३१ मार्च को टी-२० मैच समाप्त होने के बाद पूरा कैंपस अराजकता की चपेट में आ गया था। कुछ छात्रों ने वेस्टइंडीज के मैच जीतने के बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। पटाखे फोड़े जाने लगे और देश के प्रति अपशब्द कहे गए। इसका छात्रों के एक बड़े समूह ने विरोध किया। हम लोगों ने भारत माता के जयकारे लगाने शुरू कर दिए। विरोधी छात्रों ने रात में हॉस्टल पर पथराव किया।
हरष ने बताया कि हंगामे के बाद रात में ही छात्रों ने तिरंगा मंगाया और एनआईटी कैंपस में लहराया गया। रात जैसे-तैसे गुजरी और सुबह कैंपस का माहौल गर्म हो गया। कक्षाएं बाधित हो गईं हैं। समर्थक और विरोधी छात्र गुटों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को छात्रों ने जब मीडिया से बात करनी चाही तो पुलिस ने कहर बरपाया। छात्रों पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े। मीडिया के लोगों को भगा दिया। कैंपस में मीडिया के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
हरष ने बताया कि बुधवार दोपहर एमएचआरडी मंत्रालय के दो सदस्यीय जांच दल आया था। इस टीम ने छात्रों की बात सुनीं। छात्रों ने जांच दल से साफ कहा कि श्रीनगर से एनआईटी शिफ्ट की जाए। यहां छात्र सुरक्षित नहीं हैं। पुलिस भी बर्बर व्यवहार कर रही है। इसके अलावा हमारी कोई दूसरी मांग नहीं है। जांच दल यह कहकर लौट गया कि छात्रों की बात ऊपर तक पहुंचा दी जाएगी। बाबूपुरवा कॉलोनी स्थित हरष के परिवार के लोग सहमे हुए हैं। टेलीविजन पर श्रीनगर की खबरों से चिंतित हैं। हरष के पिता प्रमोद शुक्ला अपरजिला जज के निजी सचिव हैं। प्रमोद ने बताया कि एनआईटी की हालत बहुत खराब है। बेटा डरा हुआ है लेकिन हम लोग उसके संपर्क में है। बेटे से कहा है कि डरना नहीं, भारत माता से बड़ा कोई नहीं है। (input from livehindustan.com)