लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज मजदूर दिवस के उपलक्ष्य में अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मजदूरों के लिए पेंशन योजना तथा 10 रुपए में मध्यान्ह भोजन योजना (पाइलेट प्रोजेक्ट, लखनऊ) का शुभारम्भ करते हुए कहा कि राज्य सरकार मजदूरों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के प्रति अत्यन्त गम्भीर है। कामगारों को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा उनके हित में अनेक योजनाएं लागू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने मजदूरों की मदद के लिए लागू की गई साइकिल सहायता योजना का जिक्र करते हुए कहा कि कामगारों को अपने घर से कार्य स्थल तक आने-जाने की सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से ही उन्हें मुफ्त साइकिलें प्रदान की जा रही हैं। इस योजना का लाभ बड़ी संख्या में मजदूरों को मिला है और अब तक प्रदेश में 04 लाख से अधिक साइकिलों का वितरण किया जा चुका है।
श्री यादव ने इस अवसर पर 1,000 श्रमिकों में वितरित की गई साइकिलों के लाभार्थियों के एक दल को हरी झण्डी दिखाकर कार्यक्रम स्थल से रवाना भी किया।
कामगारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश-प्रदेश की प्रगति में वहां के मजदूरों का बहुत बड़ा योगदान होता है, क्योंकि विशाल अवस्थापना योजनाएं जैसे मेट्रो रेल योजना, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, सी0जी0 सिटी, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अथवा अन्य योजनाएं श्रम शक्ति के बिना पूर्ण नहीं की जा सकती हैं। इनमें शुरू से लेकर आखिर तक श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि मजदूरों की इसी श्रम शक्ति का समाजवादी हमेशा से सम्मान करते आए हैं।
श्री यादव ने कहा कि मजदूरों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की समाजवादी सरकार द्वारा श्रमिकों को पेंशन देने की योजना की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके लाभार्थी को 1,000 रुपए प्रति माह की पेंशन उपलब्ध कराई जाएगी। प्रतीक स्वरूप उन्होंने 100 लाभार्थियों को इस योजना के तहत चेक भी वितरित किए। उन्होंने कहा कि राज्य के श्रमिकों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि इस योजना के लागू होने से 60 वर्ष से अधिक उम्र के निर्माण श्रमिकों को पेंशन उपलब्ध कराने वाले प्रमुख राज्यों में उत्तर प्रदेश का नाम भी शामिल हो गया है।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार गरीबों और मजदूरों की सरकार है। राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई गई अन्य योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनमें शिशु हितलाभ, मातृत्व हितलाभ, बालिका मदद, पुत्री विवाह अनुदान, मेधावी छात्रवृत्ति आदि योजनाएँ शामिल हैं, जिनका लाभ मजदूरों के परिवारों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूरों के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा आवासीय विद्यालयों की योजना लागू की गई है, जिससे मजदूरों के बच्चे भी शिक्षित बन सकें। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पहले चरण में कन्नौज, कानपुर, इटावा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, ललितपुर, भदोही, आजमगढ़ तथा बहराइच जनपदों में आवासीय विद्यालय शुरू किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने 10 रुपए में मध्यान्ह भोजन योजना (पाइलेट प्रोजेक्ट, लखनऊ) के विषय में कहा कि इस योजना का लाभ श्रमिकों को मिलेगा और इससे उन्हें 10 रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे जहां निर्माण श्रमिकों की कार्यकुशलता में बढ़ोत्तरी होगी, वहीं उनका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रख्यात समाजवादी चिन्तक स्व0 मधु लिमये को याद करते हुए कहा कि आज उनका जन्म दिवस है। उन्होंने स्व0 लिमये को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा समाजवादी विचारधारा को मजबूत बनाने का काम किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री शाहिद मंजूर ने कहा कि प्रदेश का श्रम विभाग के तहत श्रमिकों के कल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाएँ अब सामने दिख रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 27 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिक हैं। जनवरी 2016 से मार्च 2016 के बीच पूरे प्रदेश में लगभग 3.66 लाख मजदूरों का पंजीयन कराया गया, जो एक उपलब्धि है। इसके लिए उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा ऑनलाइन पंजीयन करने की सुविधा प्रदान की गई है ताकि मजदूरों को आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े। इस साल की शुरुआत से (जनवरी, 2016 से) श्रमिकों का पंजीयन जन सुविधा केन्द्रों से कराए जाने की व्यवस्था लागू की जा चुकी है।