उत्तराखंड के शिलगुड़ मंदिर में दलितों के प्रवेश का मामला गर्माया,

tarun vijayमायावती ने हरीश रावत सरकार को दी चेतावनी,
राज्यपाल भी नाराज
नई दिल्ली। उत्तराखंड के चकराता के पोखरीगांव के शिलगुड़ मंदिर में दलितों के प्रवेश को लेकर हुई हिंसा मामले में उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार घिर गई है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने प्रदेश की कांग्रेस नेतृत्व को ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने की चेतावनी दी है। राज्यपाल के के पॉल ने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अभी तक गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जताई है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से बात कर मामले में आरोपियों पर कार्रवाई करने के साथ ही क्षेत्र में दलितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
उत्तराखंड सरकार की हरीश रावत सरकार की संकटमोचक बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि दलितों के प्रति हीन व जातिवादी मानसिकता रखने वाले लोगों के रवैये पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने मन्दिर में प्रवेश के मामले में सांसद तरुण विजय सहित कई अन्य लोगों पर जानलेवा हमला करने की निन्दा करते हुए इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार से की है। याद रहे हरीश रावत सरकार बसपा के समर्थन पर टिकी है।
मामले में सीएम हरीश रावत ने तुरंत गढ़वाल कमिश्नर को जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। भरोसा दिलाया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं घटना के बाद भाजपा सांसद तरुण विजय की पत्नी और बेटी देहरादून पहुंच गई हैं। तरुण विजय की पत्नी और बेटी ने हमले को पूर्व नियोजित और भयावह बताया है। बेटी ने कहा कि वहां पर पूरी भीड़ इकठ्ठा थी और सब बड़े-बड़े पत्थर बरसा रहे थे। उनके पिता को बचने के लिए दो किमी तक दौडऩा पड़ा। यहीं नहीं उनकी गाड़ी को खाई में धकेल दिया गया। सांसद तरूण विजय शुक्रवार को देहरादून के चकाराता क्षेत्र के पोखरी गांव में बने नवनिर्मित बने शिलगुड़ मंदिर में दलितों के साथ देवदर्शन करने गए थे। दर्शन करके लौटते वक्त भीड़ ने हमला कर दिया था।
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