माया का आरोप: दंगों का षडयंत्र रच रही है भाजपा-सपा

mayawatiलखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ क्षेत्र से कैराना कूच हेतु भाजपा द्वारा निर्भय यात्रा व उसके जवाब में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी द्वारा सदभावना यात्रा को आपसी मिलीभगत का परिणाम बताते हुये कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगी यात्राओं के बड़े ख़तरे हैं और इनका ख़ास मकसद किसी-ना-किसी बहाने से प्रदेश में साम्प्रदायिक माहौल खऱाब करके यहां हिन्दू-मुस्लिम दंगे-फसाद कराकर उसका चुनावी व राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास है, जिसकी जितनी भी निन्दा की जाये वह कम है।
आज यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि इस प्रकार के गंभीर व संवेदनशील मामलों में प्रदेश की सपा सरकार को काफी सख़्ती से पेश आना चाहिये और साथ ही ऐसे गैऱ-क़ानूनी कार्य करने वालों के विरूद्ध रासुका जैसे सख्त कानून के तहत कार्रवाई करनी चाहिये, वरना उत्तर प्रदेश एक बार फिर साम्प्रदायिक दंगे की आग में जल जायेगा जिसकी पूरी जि़म्मेदारी सपा व उसकी सरकार की होगी।
वैसे तो कैराना के पलायन के मामले को भाजपा साम्प्रदायिक रंग देने के साथ-साथ उसका गलत राजनीतिक लाभ उठाने हेतु काफी ज़ोर लगाये हुये है, परन्तु यहाँ की सपा सरकार भी भाजपा के साथ लिप्त होकर सरकारी धर्म पूरी तरह से भूल कर वैसे असमाजिक व साम्प्रदायिक तत्वों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करेगी, यह चकित करने वाला है। बी.एस.पी. की माँग है कि दंगा-फसाद भड़काने का काम करने वालों के खिलाफ तत्काल सख्त कानूनी कार्रवई की जाये।
इतना ही नहीं, गोरखपुर के एस.एस.पी. के निलम्बन को घोर अनुचित क़दम बताते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि सपा सरकार पूरेतौर पर जंगलराज से घिर चुकी है और ऐसे में किसी भी स्तर के अधिकारी को बख़्शने को तैयार नहीं लगती है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि केन्द्र की भाजपा सरकार की तरह ही उत्तर प्रदेश की सपा सरकार भी ग़लत, जातिवादी व पक्षपाती मानसिकता से काम करते हुये उन सभी अधिकारियों को दण्डित करने का काम कर रही है जो कानून के अनुसार निष्पक्षता से काम करने का थोड़ा भी साहस कर रहे हैं।
इस सम्बन्ध में गोरखपुर जि़ले के पुलिस कप्तान के निलम्बन की तीव्र निन्दा करते हुये कहा कि उस वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का क़सूर केवल इतना था कि उसकी फोर्स ने सपा नेता की गुण्डई व दबंगई को रोकने की कोशिश की थी। क्या इस प्रकार के ग़लत कार्यों से प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था कभी भी बेहतर हो पायेगी?
उन्होंने कहा कि वास्तव में प्रदेश में जंगलराज का ही यह एक और उदाहरण हैं जहाँ सपा के गुण्डों, बदमाशों, माफियाओं, अराजक, आपराधिक व साम्प्रदायिक तत्वों के आगे अधिकारियों की बिल्कुल भी नहीं चल पा रही है, यह अत्यन्त ही दु:खद स्थिति है, जिसका ख़ामियाज़ा सपा को अवश्य ही आगे आने वाले विधानसभा आमचुनाव में भुगतना पड़ेगा।
गुजरात के इशरत जहाँ मुठभेड़ मामले में कुछ फाइलों के ग़ायब होने से सम्बन्धित गृह मंत्रालय की ”जाँच” के सम्बंध में मीडिया में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुये बी.एस.पी. प्रमुख ने कहा कि इससे भी यह स्पष्ट हो जाता है कि केन्द्र सरकार संवेदनशील मामलों में भी सही नीयत से काम नहीं कर रही है।