ओवर एक्टिव ब्लैडर नजर अंदाज न करें

 

हेल्थ डेस्क। यदि आप दिन में आठ से अधिक बार बाथरूम जाते हैं या दो घंटे से कम समय के अंतराल पर बाथरूम जाते हैं तो विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा होना सामान्य नहीं है। लखनउ के यूरोलॉजिस्ट, प्रोरू (डॉ.) दिवाकर दलेला और डॉ. आर एस पवार कहते है कि अति सक्रिय मूत्राशय (ओएबी) का लक्षण है। विश्व में इस साल 20 से 26 जून को अंतरास्ट्रीय कांटीनेन्स diwakr dalelaसप्ताह मनाया जाता है ।

प्रोरू (डॉ.) दिवाकर दलेला, यूरोलॉजिस्ट, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ बताते हैं, ”विभिन्न अवलोकनों एवं अध्ययन से पता चलता है कि इस समस्या से पीडि़त ज्यादातर लोग शर्मिंदगी के कारण चिकित्सक के पास जाने में संकोच करते हैं।ÓÓ ओएबी एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जब मूत्राशय बहुत अधिक काम करता है, सामान्य से अधिक बार संकुचित होता है और अनुचित समय पर संकुचित होता है। मूत्राशय की मांसपेशियां, मूत्राषय जितना वास्तव में भरा हुआ है उसकी तुलना में अधिक भरा होने का गलत संदेष मस्तिश्क को देने लगती हैं। जिसके कारण जब मूत्राशय पूरा भरा नहीं होता है, तो भी बहुत जल्दी संकुचित होने लगता है। इस अनैच्छिक संकुचन के कारण पेशाब करने की तत्काल आवश्यकता महसूस होती है।
ओएबी में पेशाब करने की तत्काल जरूरत महसूस करना, बार- बार शौचालय जाना और मूत्र का अचानक रिसाव होना आदि जैसे लक्षण होते हैं। डॉ. आर एस पवार, डायरेक्टर, यूरोलॉजी, पवार क्लिनिक्स, लखनऊ कहते हैं, ”इससे पीडि़त व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके कारण मरीज के आत्म सम्मान में कमी आ सकती है और वह समाज में अलग- थलग रह सकता है।ÓÓ पीडि़त का इस बारे में किसी को न बताने से इसका समाधान नहीं हो सकता है। ओएबी का इलाज संभव है जिसे जीवन शैली में परिवर्तन और दवाओं की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है।
गैर सर्जिकल इलाज में से एक इलाज पेल्विक फ्लोर मसल थेरेपी है। इसके तहत मूत्राशय पर नियंत्रण को बढ़ाने के लिए पेल्विक फ्लोर की मांसपेषियां को मजबूत करने वाले व्यायाम को षामिल किया जाता है। शहर के मूत्र रोग विषेशज्ञों का कहना है कि ”हम रोगियों को शिक्षित कर रहे हैं और इसके वांछनीय परिणाम आ रहे हैं। इसके इलाज के तहत आम तौर पर कई तरह के उपचारों के संयाजन को षामिल किया जाता है जिनमें जीवन शैली और खान- पान में संशोधन, व्यवहार में संशोधन और ड्रग थेरेपी शामिल है।