नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सभी तरह के पदों पर दिव्यांगों को तीन प्रतिशत तक आरक्षण देने का आदेश सुनाया है। इस आदेश से पहले केंद्र सरकार ग्रुप ए और ग्रुप बी पदों पर दिव्यांगों को आरक्षण नहीं दे रही थी।
सरकार सिर्फ ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर ही इन्हें आरक्षण प्रदान कर रही थी। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 1997 और 2005 में ज्ञापन में ये अंतर साफ किया था। इसके अनुसार ग्रुप ए और ग्रुप बी कैटेगरी में आरक्षण के जरिए कोई भर्ती नहीं की जाएगी। 30 जून को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चमलेशवर और अभय एम सप्रे की बेंच ने अपना आदेश सुनाया। ये आदेश शनिवार को रिलीज किया गया। इसमें दिव्यांगों के अधिकारों की सुरक्षा और सरकारी नौकरियों में उन्हे समान अधिकार देने की बात कही गई। सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने कहा कि हम सरकार को ग्रुप ए और ग्रुप बी के पदों पर दिव्यांगों लोगों को तीन प्रतिशत तक रिजर्वेशन देने के निर्देश देंगे।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि 1995 में जारी हुए एक्ट के बाद सरकारी पदों पर दिव्यांगों की संख्या बहुत ही कम हो गई है। उनकी एंट्री में ये एक्ट एक रोड़ा बन रहा था। पहले भी कई हाइकोर्ट ने इन पदों पर दिव्यांगों को आरक्षण देने की बात कही थी। मगर सरकार ने इन आदेशों को रोकने की अपील की। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का ये बड़ा आदेश दिव्यांगों को एक बड़ी राहत देगा। अब बिना किसी अंतर के इन्हे सरकारी नौकरी में आरक्षण मिल सकेगा। अदालत ने अपना ये फैसला उन दो याचिकाओं के बाद सुनाया जिनमें इस नीति को चुनौती दी गई थी।