मध्य प्रदेश में कुदरत का कहर: कई शहर जलमग्न

RAIN_AHMEDABAभोपाल। एमपी में कुदरती पानी का कहर जारी है। बाढ़ के चलते कई जिलों में हालात काफी भयावह हो गये हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने बुलाई आपात बैठक मध्यप्रदेश में भारी बारिश से बने बाढ के हालात को देखते हुए सीएम शिवराजसिंह चौहान ने शनिवार सुबह 11 बजे अधिकारियों की आपता बैठक बुलाई है। मध्यप्रदेश में लगातार बारिश हो रही है और नर्मदा पार्वती चंबल सहित अन्य नदिया उफान पर है। भोपाल, सतना रीवा दमोह रायसेन आदि इलाको में पानी भरने से बाढ जैसे हालात हो गए हैं। मध्यप्रदेश के कई इलाकों में कई दिनों से हो रही बारिश के कारण प्रदेश के कई हिस्से बेहाल हैं। राजधानी भोपाल में भी भारी बारिश का दौर जारी होने से कई इलाकों में पानी भर गया। इसके अलावा मध्यम प्रदेश के अन्य जिलों सतना, पन्ना और दामोह में स्थिति और भी विकट हैं। सतना, पन्ना और दामोह में बाढ़ से अब तक काफी नुकसान हो चुका है। बाढ़ के पानी में अब तक छह लोगों के बहने के समाचार हैं। भारी बारिश से प्रदेश में बहने वाली नदियां व नाले उफान पर हैं। नर्मदा, पार्वती, चंबल, केन, तवा, तमस और सुनार नदियां उफान पर हैं। इन नदियों में उफान के चले कई जगह रास्ते जाम हो गए हैं। जगह-जगह सड़कों में कटाव आने से लोग यहां-तहां फंसे हुए हैं। प्रदेश में बारिश का सबसे ज्यादा असर सतना में देखने को मिल रहा है, जिले के निचले इलकों में पानी घुसने से बाढ़ के हालात हैं।
बाढ़ की वजह से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। अधिकांश बस्तियों में पानी भर गया है। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सतना में पानी में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। आलम यह है कि बस्तियों और गांव में नाव चल रही हैं और मदद के लिए सेना भी बुलाई गई है। सतना जिले में तीन दिनों में हुई बारिश ने यहां के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। जिले के तिजेला, कुपालपुर, उचवा टोला सहित कई गांव में पानी भर गया है। बीते दो दिनों में इन गांवों से एक हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। वहीं मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में बारिश के पानी को सहेजने के लिए करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर बनाए गए बांध पहली ही बारिश में बह गए। इनमें से एक सेरोह बांध इटवा गांव में 27 करोड़ की लागत से बनवाया गया था। दूसरा बांध बिलपुरा गांव में 11 करोड़ की लागत से बनाया गया था। दोनों बांध जल संसाधन विभाग ने बनवाए थे। कहा जा रहा है कि घटिया निर्माण की वजह से ये बांध पहली ही बारिश में बह गए, जिन इलाकों में ये बांध बनाए गए थे उनके आसपास बाढ़ के हालात हैं। इन बांधों से निकले पानी से जगह-जगह कटाव आ गए और आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। सतना, पन्ना दामोह के अलावा बारिश का क्रम मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी जारी है। रीवा में भारी बारिश और तबाही के बाद शुक्रवार देर शाम से शनिवार सुबह तक भोपाल, रायसेन, पचमढ़ी, होशंगाबाद, इटारसी में मूसलाधार बारिश जारी है। कल पचमढ़ी में सुबह से शाम तक हुई बारिश में सात इंच पानी गिर गया।

उधर, मुरैना जिले में चंबल नदी में तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। जबकि दमोह, मंडला और सिवनी में भी दो महिलाओं सहित तीन की ऐसे ही हादसों में जान चली जाने की खबर है। मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी होने से एहतियात के तौर पर सैकड़ों गांव खाली करा लिए गए हैं। इस वजह से कई इलाकों में लोगों को खाने की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। नरसिंहपुर, होशंगाबाद समेत कई इलाकों में बारिश का पानी घरों के अंदर घुस गया। कई इलाकों में सड़कें पानी में डूब गई हैं। राजधानी भोपाल में रात तीन बजे तक कई इलाके टापू बन गए। कुछ सड़क रास्ते पूरी तरह बंद हो गए। लोग घरों में कैद हैं। हालात खराब होने के बाद देर रात भोपाल के कलेक्टर और एडीएम को शहर का दौरा करना पड़ा। राज्य में जहां लगातार बारिश हो रही है, स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई हैं। वहीं मौसम विभाग ने आज भी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, सतना, होशंगाबाद, बैतूल, जबलपुर और नरसिंहपुर में भारी बारिश की चेतावनी दी है।