बीएमसी के नये नियम से मुंबईकर नाराज

BMCमुम्बई। अब रेजिडेंशियल इलाकों में डेवलपर्स रात 10 बजे तक कंस्ट्रक्शन का काम कर सकेंगे। जबकि अब तक सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक ही ये काम किया जा सकता था। बीएमसी के इस नए नियम से मुंबई के लोग नाराज हैं।
देश में शोरगुल वाले शहरों में मुंबई का नाम सबसे ऊपर है। बीएमसी के नए आदेश से मुंबईकरों की परेशानी और बढऩे वाली है। शहर में अब तक बिल्डर सुबह 10 बजे से 7 बजे तक ही कंस्ट्रक्शन का काम कर सकते थे। बीएमसी ने सर्कुलर जारी करके इसे बढ़ाकर रात 10 तक कर दिया है। बीएमसी कह रही है कि उसने महाराष्ट्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के नए नियम का केवल पालन भर किय़ा है। उधर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सफाई दे रहा है कि दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल तक ही शोर की सीमा है। अगर इससे ज्यादा शोरगुल होता है तो लोग पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के नए नियम और बीएमसी के सर्कुलर को लेकर मुंबई के लोग खासकर सीनियर सिटीजन बेहद खफा है। उनका कहना है कि कंस्ट्रक्शन के मौजूदा शोर से ही उनकी नींद खराब है ऐसे में रात 10 बजे तक कंस्ट्रक्शन की इजाजत उनकी मुश्किलों में और इजाफा कर देगी। वहीं बिल्डर इस नए आदेश से खुश हैं और कंस्ट्रक्शन के दौरान ज्यादा शोरगुल ना करने का भरोसा दिला रहे हैं।
2007 में एक एनजीओ आवाज़ फाउंडेशन ने बॉम्बे हाई कोर्ट मे जनहित याचिका दायर कि थी जिसमें कहा गया था कि राज्य और केंद्र एजेंसियों का काम शहर में शोर रोकने के लिये काफी नही है। आज 9 साल बाद भी स्थिति बदली नहीं है। सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक मुंबई देश का सबसे ज्यादा शोरगुल वाला शहर है और बीएमसी का नया सर्कुलर इस समस्या को और बढ़ा सकता है।