जीवन भर भूत-प्रेतों के पीछे भागने वाले गौरव की रहस्यमयी मौत

gourav-tiwari-नई दिल्ली। आत्मा और भूत-प्रेत व रहस्यमयी दुनिया जैसे विषय पर वैज्ञानिक अध्ययन के लिए बनाई गई संस्था इंडियन पारानॉरमल सोसाइटी के संस्थापक व सीईओ गौरव तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों मे मौत हो गई. वे दिल्ली के द्वारका सेक्टर-19 में अपने परिवार के साथ रहते थे। कुछ दिन पहले ही उनकी मौत हो गयी।
पुलिस ने कहा कि पैरा नॉर्मल सोसाइटी के संस्थापक गौरव तिवारी ने अपने बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. तिवारी का शव आठ जुलाई को रहस्यमय परिस्थितियों में पाया गया था. पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक ऑटोप्सी रिपोर्ट के मुताबिक तिवारी की मौत के पीछे किसी गड़बड़ी की आशंका नजर नहीं आती और आत्महत्या के कारण का अभी पता लगाया जाना बाकी है .एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, प्रारंभिक ऑटोप्सी रिपोर्ट पुष्टि करती है कि उन्होंने आत्महत्या की है. जब उन्होंने कपड़े के एक टुकड़े का इस्तेमाल कर फांसी लगाई तो उस समय द्वारका स्थित फ्लैट में उनके माता पिता और पत्नी सहित परिवार के सभी लोग मौजूद थे . एक अधिकारी ने कहा कि तिवारी के परिवार के सदस्य भूतों की गतिविधियों के बारे में बताने के उनके काम से, वह भी देर रात में यह काम करने से खुश नहीं थे. तिवारी ज्यादा पैसा भी नहीं कमा रहे थे.
गौरव के परिवार वालों ने बताया कि गुरुवार को सुबह 11 बजे उन्हें बाथरूम से एक तेज आवाज आई. दरवाजा खोलकर देखा तो गौरव फ्लोर पर पड़ा था. गौरव को तुरंत अस्पताल ले जाया गया मगर उनकी मौत हो गई. वह कई टीवी शो में आत्मा के होने या न होने के दावे पर पैरानॉर्मल एक्टिविटी एक्सपर्ट के तौर पर काम कर चुके थे. उन्होंने आत्मा और भूत-प्रेत व रहस्यमयी दुनिया जैसे सब्जेक्ट्स पर वैज्ञानिक अध्ययन के लिए इंडियन पैरानॉर्मल सोसायटी संस्था बनाई थी. गौरव अलग-अलग उपकरणों के साथ कथित रूप से भूत के साये वाली जगहों की पड़ताल करने जाते थे और उनके पास युवाओं की पूरी टीम थी. गौरव पहले एक कमर्शियल पायलट थे, जिसके बाद उन्होंने इस क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया.
उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. गौरव ने अपनी पत्नी को कुछ दिनों पहले ही बताया था कि कोई बुरी ताकत उन्हें अपनी ओर खींच रही है, जिस पर उनका कंट्रोल नहीं है. हालांकि पत्नी ने उनकी इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उन्हें लगा कि काम के प्रेशर के चलते उन्हें ऐसा महसूस होता होगा.

ये हैं गौरव तिवारी
गौरव ने आत्मा, भूत-प्रेत और रहस्यमयी दुनिया जैसे सब्जेक्ट्स पर वैज्ञानिक अध्ययन के लिए साल 2009 में इंडियन पैरानॉर्मल सोसायटी संस्था बनाई थी. जिसका उद्देश्य लोगों के अंदर से भूत-प्रेत का डर निकालना था.
बताया जाता है कि गौरव अलग-अलग मशीनों के साथ भूत के साय वाली जगहों की पड़ताल करने जाते थे और उनके पास युवाओं की एक पूरी टीम थी. उनको पहचान तब मिली जब उन्होंने देशभर में खतरनाक कही जाने वाली जगहों पर रातों में रुककर कई सबूत जुटाए.