लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में 18 जुलाई को कैबिनेट की बैठक होने की उम्मीद है। इस बैठक में कर्मचारियों व व्यापारियों को राहत देने वाले फैसले हो सकते हैं।
केंद्र सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार किये जाने के बाद राज्य कर्मचारी भी इसकी प्रतीक्षा कर रहे थे। प्रक्रिया के अनुसार पहले राज्य मंत्रिपरिषद सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार करने को मंजूरी प्रदान करेगी, उसके बाद मुख्यमंत्री समीक्षा समिति गठित करने को मंजूरी देंगे।
यह समीक्षा समिति मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित की जाएगी। वित्त विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा था और उसके बाद से कैबिनेट बैठक की प्रतीक्षा हो रही थी। अब 18 जुलाई को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में इस पर अमल की उम्मीद है। इसके अलावा मुख्य सचिव समिति द्वारा मंजूरी के बाद राज्य कर्मचारियों के मकान किराए भत्ते (एचआरए) में बीस फीसद वृद्धि का प्रस्ताव भी कैबिनेट में आ सकता है।
40 लाख रुपये तक का स्टाक रखने वाले टेंट व्यापारियों के लिए समाधान योजना लागू करने का प्रस्ताव भी कैबिनेट के समक्ष रखा जा सकता है। टेंट व्यापारियों के लिए पिछले वित्तीय वर्ष की समाधान राशि में 15 फीसद वृद्धि प्रस्तावित है। कक्षा छह तक बच्चों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी कैबिनेट के सामने रखे जाने की उम्मीद है। दीपक सिंघल के मुख्य सचिव बनने के बाद पहली बार होने वाली कैबिनेट बैठक में शिक्षा के अधिकार अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करने पर भी विचार हो सकता है।