नई दिल्ली। धन कुबेर कहे जाने वाले रिलायंस कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी को फिर झटका लगा है. इस बार मामला एक बड़े मीडिया ग्रुप पर गलत तरीके से कब्ज़ा जमाने का है. सेबी की अदालत (ट्रिब्यूनल) के मताबिक देश की नंबर एक निजी कम्पनी रिलायंस के अध्यक्ष मुकेश अम्बानी ने नियमो को ताक पर रखकर टीवी 18 नेटवर्क पर कब्ज़ा ज़माया था. टीवी 18 नेटवर्क के पास दजऱ्न भर चैनल, प्रकाशन और वेबपोर्टल हैं. वेबसाइट मीडिया संवाद डॉट कॉम के मुताबिक अंबानी ने इस कंपनी को केजरीवाल की आवाज दबाने के लिए खरीदा गया था।
बाज़ार पर नजऱ रखने वाली संस्था सेबी के अपेलेट ट्रिब्यूनल का कहना है कि मुकेश अम्बानी के रिलायंस प्रबंधन ने शेयर अग्रीमेंट करने के पहले ही टीवी 18 नेटवर्क का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया. ये कुछ ऐसा ही जैसे रजिस्ट्री कराने से पहले ही कोई किसी के बंगले में घुसकर रहने लग जाय. ट्रिब्यूनल अब रिलायंस की टीवी 18 नेटवर्क की डील की नये सिरे से जांच कर रहा है. ये जांच मुकेश अम्बानी के बिजनेस करने के मनमाने तरीकों को सार्वजनिक कर सकती है.
केजरीवाल से निपटने के लिए किया टीवी 18 पर कब्ज़ा सूत्रों को मुताबिक नियमो को ताक पर रखकर एक झटके में ही टीवी 18 नेटवर्क हथियाने के पीछे की कहानी भी कम चौंकाने वाली नही है. दरअसल जब 2012-13 में अरविन्द केजरीवाल और प्रशांत भूषण एक के बाद एक रिलायंस इंडस्ट्री के घोटालों पर खुलासे कर रहे थे तो राघव बहल के टीवी 18 नेटवर्क पर भी जमकर ख़बरें दिखाई जा रही थीं. तकऱीबन डेढ़ हज़ार करोड़ के कर्जे में डूबे बहल को मुकेश अम्बानी ने इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट के ज़रिये जनवरी 2012 में 4000 करोड़ रूपए के प्रस्तावित फंड्स का तोहफा दिया था. लेकिन बहल के चैनल में जब राजदीप सरदेसाई से लेकर हर प्रमुख पत्रकार केजरीवाल के खुलासों की सुर्खियाँ बनाने लगे तो अम्बानी आग बबूला हो गये. केजरीवाल के खुलासों को ब्लैक आउट करने के मकसद से अम्बानी ने बहल के समूचे नेटवर्क को ही एक सिरे से हथिया लिया.
सूत्रों का कहना है की कर्जे में डूबे टीवी 18 नेटवर्क के मालिक राघव बहल को कोई 700 करोड़ रूपए देकर रिलायंस प्रबंधन ने टीवी नेटवर्क 18 का नियंत्रण हाथ में लिया था . बहल ने चुपचाप इस्तीफा इसलिए दे दिया था क्यूंकि एक तरफ उन्हें 700 करोड़ रूपए मिल गये दूसरी तरफ उनका नेटवर्क अम्बानी के रहमोकरम पर ही चल रहा था. लेकिन टीवी 18 पर कब्ज़ा करने के रिलायंस के तौर तरीके सही नही थे. अब रिलायंस की इस गैर कानूनी तरीकों की सेबी जांच कर रहा है.
टीवी 18 नेटवर्क के दो शेयरहोल्डर विक्टर फर्नांडेज़ और संगीता फर्नांडेज़ ने ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करके कहा है की रिलायंस ने नियमो को ताक पर रखकर टीवी 18 का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था. ट्रिब्यूनल ने आश्चर्य जताया है कि राघव बहल ने शेयर अग्र्रेमेंट पर दस्तखत करने से पहले ही रिलायंस को अपनी मीडिया कम्पनी क्यूँ सौंप दी. ट्रिब्यूनल ने इस मामले में सेबी के अधिकारियों की भी आलोचना की है. सेबी के अधिकारियों को उसी वक़्त रिलायंस के तौर तरीकों पर एतराज़ जताना चाहिए था. फिलहाल इस पूरे मामले में अगर अनियमिताएं साबित हुईं तो रिलायंस को इस करनी के लिए भारी जुर्माना देना पड़ सकता है।