नई दिल्ली। गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने लोकसभा से बहिर्गमन किया तथा इस घटना की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग की। लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में विपक्ष की ओर से इस मसले पर चर्चा कराने की मांग के बीच गृह मंत्री ने एक वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार एक सामाजिक बुराई है जिसे सरकार एक चुनौती मानती है।
सिंह ने कहा कि सरकार इस बुराई को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। परन्तु सदन में मौजूद सभी दलों को भी एकजुटता से इस बुराई को मिटाने के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पहली बार अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को आर्थिक मुख्य धारा से जोडऩे का ठोस प्रयास किया है। उनके भविष्य की चिंता करते हुए कई बीमा योजनाएं शुरू की गई है। उन्होंने स्टैण्ड अप योजना के तहत न्यूनतम ब्याज पर कर्ज दिया जा रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ऊना की घटना की निंदा करती है और इस बुराई के उन्मूलन पर फिर से प्रतिबद्धता जताती है। विपक्ष की ओर से टोका-टाकी किए जाने पर गृह मंत्री ने गुजरात में 1991 से 99 तथा राष्ट्रीय स्तर पर 2004 से 2009 तक दलितों पर अत्याचार की घटनाओं के आंकड़े देकर कांग्रेस पर पलटवार भी किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में 2001 के बाद और देश में 2014 के बाद से दलित अत्याचार की घटनाओं में कमी आई है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है। उसी दिन शाम 7.&0 बजे एफआईआर दर्ज कर अभियुक्तों पर दलित उत्पीडऩ के साथ-साथ अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। राजनाथ सिंह ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है जबकि 9 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में से 7 न्यायिक हिरासत में है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के समय पीएम मोदी विदेश में थे। अगले दिन 12 जुलाई को भारत वापस आते ही उन्होंने मामले की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने इस घटना पर कड़ी कार्रवाई करने पर जोर दिया।
गृहमंत्री ने कहा कि उन्हें मिली जानकारी के अनुसार सरकार पीडि़तों के इलाज का पूरा खर्च उठा रही है। सरकार ने प्रत्येक पीडि़त को 4 लाख की वित्तीय मदद देने का आश्वासन भी दिया है। घटना के दो घंटे के अंदर ही दस से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ सख्त धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि इस मामले की उ’च स्तर पर जांच कराई जा रही है और दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह सभी दलों से अपील करते हैं कि इस मामले पर राजनीति करने के बजाय सदभावना का माहौल बनाने में मदद करें। राजनाथ सिंह ने कहा कि ऊना मामले की जांच के लिए विशेष कोर्ट के गठन का प्रस्ताव रखा गया है परन्तु उसके लिए हाईकोर्ट की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है।