गुजरात में दलितों से मिले राहुल: मदद का भरोसा

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नई दिल्ली। पिछले सप्ताह समढीयाणा गांव में पिछले हफ्ते कुछ लोगों के चार दलितों को बेरहमी से पीटने के करीब 9 दिन बार गुजरात सीएम आनंदीबेन पीडि़तों से मिलने पहुंची। वहीं गुरुवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीडि़तों से मुलाकात की। उनसे पहले एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी इन लोगों से मुलाकात की।
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पीडि़त परिवार ने बताया कि राहुल ने उन्हें न्याय दिलवाने में हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया है। मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर पीडि़तों ने कहा कि राहुल ने उनसे पूरी घटना का ब्यौरा लिया। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें अपनी मुश्किलों के बारे में बताया। आरोपियों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए कि वे जिंदगी भर जेल से न निकल पाएं।
इससे पहले गुजरात की सीएम ने पीडि़तों से मुलाकात की थी। एक पीडि़त ने उन्हें बताया था कि मेरी पत्नी का व्रत था। मैं गिफ्ट में देने के लिए नेल पॉलिश लेने बाजार जा रहा था। पुलिस ने मेरी जाति पूछी, फिर उसके बाद खूब मारा। वो नेल पॉलिस अब भी मेरी जेब में है, ये लो, आप ही मेरी पत्नी को दे देना।
गौरतलब है कि बुधवार को यह मुद्दा सदन में भी उठा, जिसके बाद संसद में भारी हंगामा हुआ। सवालों के जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि गुजरात सरकार ने इस पर फौरन कार्रवाई की, इसके लिए राज्य सरकार को बधाई देनी चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा था कि मैं पूरा दिन खड़ा रहूंगा, लेकिन दो टूक शब्दों में अपनी बात रखूंगा। दलितों के साथ ऐसा व्यवहार सामाजिक बुराई है। ऊना दलित पिटाई मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। 9 लोगों को अरेस्ट किया गया है। इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी है। वहीं ट्रायल जल्दी हो, इसके लिए राज्य सरकार स्पेशल कोर्ट बनाने पर विचार कर रही है।
एक पीडि़त देवसिंह भाई ने सीम को बताया था कि मेरी गाय मर गई थी, तो मैंने ही इन लोगों को बुलाया था और वो सब मरी गाय को उठाकर ले गए थे, फिर भी इनको पीटा गया। वहीं पीडि़त के पिता बालुभाई ने गुहार लगाई कि आरोपियों के मोबाइल चेक किए जाएं, बहुत चौंकाने वाले खुलासे होंगे। पीडि़त युवकों में से एक के चाचा ने बताया कि बीती रात एक फोन आया था, जिसमें अपहरण करने की धमकी भी दी गई है। मुख्यमंत्री न गुनहगारों को सख्त सजा दिलाने का वादा किया।