बसपा कार्यकर्ताओं ने गाली गालौज के साथ बेहद आपत्तिजनक नारे बाजी की

IMG-20160721-WA0075लखनऊ जुलाई। अध्यक्ष मायावती पर भाजपा के उपाध्यक्ष रहे दयाशंकर सिंह की टिप्पणी के विरोध में जुटे बसपा कार्यकर्ताओं ने गाली गालौज के साथ बेहद आपत्तिजनक नारे बाजी की। दयाशंकर की बेटी बहन का जिक्र करते हुए लगातार अभद्र नारे लगाये। भाजपा नेताओं का पुतला फूंका गया। बसपा का एक कार्यकर्ता के कपड़ों में आग लग गई, वह झुलसने से बालबाल बचा। करीब पांच घंटे चले धरने को दयाशंकर को 36 घंटे में गिरफ्तार करने की चेतावनी के साथ खत्म किया। पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन ने कहा कि जब तक दयाशंकर की गिरफ्तारी नही होती है इसी तरह धरना चलेगा। गुरूवार को लखनऊ के दिल हजरतगंज चौराहे पर बसपा के धरने से पूरा शहर अस्तव्यस्त रहा। स्कूल जाने वाले बच्चों व ऑफिस जाने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। धरने के दौरान बसपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय पर हमला करने की कोशिश भी की। कुछ गाडिय़ों को नुकसान भी पहुंचाया। धरना खत्म करने की घोषणा करते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि यह मायावती के खिलाफ टिप्पणी नहीं है बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान है। दयाशंकर सिंह ने यूं ही टिप्पणी नहीं की है, ऐसे अपमानजनक भाषण देना या बातें कहना भाजपा के चरित्र में शामिल है। यह भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि बसपा ऐसे अपमान पर चुप नहीं बैठेगी। दयाशंकर को हर कीमत पर गिरफ्तार किया जाना चाहिए। बसपा का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक दयाशंकर सिंह को सजा नहीं दिला दी जाती। मेरठ के जयभीम-जयभारत संगठन ने दयाशंकर की जीभ काटने वाले को 5 लाख ईनाम की घोषणा की है। विरोध प्रदर्शन के लिए लखनऊ के आसपास के दर्जनों जिलों से कार्यकर्ता गाडिय़ों में भर के लाये गए थे। रात से ही शुरू हुई तैयारी से सुबह 7 बजे से ही बसपा नेता पहुंचेने लगे थे। 
 
दयाशंकर के परिवार की महिलाओं के खिलाफ अभद्र नारे की होगी जांच-एडीजी
पुलिस ने बसपा के धरना-प्रदर्शन की वीडियोग्राफी करायी है। मंच से दिये गए भाषणों व दयाशंकर के परिवार पर की गई बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियों की पुलिस समीक्षा करेगी। एडीजी दलजीत चौधरी ने कहा कि बसपा नेताओं ने यदि आपत्तिजनक नारे लगाये है और आपत्तिजनक टिप्पणी की है तो उसकी भी समीक्षा करेंगें। भाकपा के अतुल अंजान ने कहा कि दयाशंकर सिंह ने बसपा अध्यक्ष के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया तो बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके परिवार की महिलाओं के लिए बेहद आपत्तिजनक नारे लगाये, जो किसी भी तरह मंजूर नही किये जा सकते। कई संगठनों ने बसपा नेताओं की आपत्तिजनक भाषा की निंदा की है।