राहुल गांधी: गये थे छब्बे बनने, चौबे बनके लौटे

rahul-gandhi 1नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात के उना में दलितों की पिटाई के बाद पीडि़तों से मिलने गये थे। वहां अस्पताल में उन्होंने एक ऐसी महिला को गले लगाया, जिसके ऊपर कई अपराधिक मामले दर्ज हैं।
महिला की पहचान रामबेन मुछडिय़ा के रूप में हुई है। उसके खिलाफ मालवीय नगर और प्रद्युम्न नगर थाने में दो आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। रामबेन पर 2009 में एक बिल्डर से धन उगाही के लिए फोन करने के आरोप हैं। वह कथित तौर पर 2012 में दंगा करने और सरकारी काम में बाधा डालने की भी आरोपी है। बताया जा रहा है कि महिला का पीडि़तों से कोई दूर-दूर का रिश्ता नहीं है।
गुरुवार को राहुल गांधी जब अस्पताल में पीडि़तों से मिलने गये थे तब बेड के बगल में खड़ी एक महिला को पीडि़तों की रिश्तेदार समझकर गले लगाया था। सूत्रों का कहना है कि रामबेन ने खुद को पीडि़त का रिश्तेदार बताया था। नाना मावा इलाके की रहने वाली रामबेन ने अस्पताल प्रशासन से रामबेन सरवैया के नाम पर पास हासिल किया था। उसने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता है। उसे इस घटना से गहरा दुख हुआ है। जब उससे पास के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि वह भी एक दलित परिवार से संबंध रखती है। उसने पास पाने के लिए अपनी मां के सरनेम का इस्तेमाल किया।
राहुल गांधी को जेड प्लस सिक्यॉरिटी मिली है। अब राहुल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। जेड प्लस सिक्यॉरिटी वाले किसी भी हस्ती से कौन-कौन मुलाकात करेगा, स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना देनी होती है। उसके बाद पास जारी किये जाते