देश में पहली बार 12 हजार फीट पर दिखा टाइगर

tiger

देहरादून। उत्तराखण्ड में 12 हजार फीट ऊंचे इलाके में टाइगर देखा गया है। अंग्रेजी समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिथौरागढ़ स्थित असकोट के ऊपरी इलाकों में टाइगर टहलते हुए देखा गया।
वन विभाग की ओर से जंगल में लगाए गए कैमरे ने इस बाघ की तस्वीर कैद की है। वन विभाग का कहना है कि इतनी ऊंचाई पर टाइगर दिखने का यह देश का पहला मामला है। आम तौर पर बर्फ में रहने वाले तेंदुए ही इस ऊंचाई पर रहते हैं। अब तक सबसे ऊंचाई पर बाघ के मौजूद होने की बात भूटान में देखी गई थी। वहां 13 हजार फीट की ऊंचाई पर एक बाघ को देखा गया था।
बता दें कि वन विभाग जंगल में जानवरों की गतिविधियों और उन पर नजर रखने के लिए जगह जगह कैमरे लगाता है। यह कैमरा भी उन्हीं में से एक था,जिसने इतनी ऊंचाई पर टाइगर की फोटो क्लिक की। इतनी ऊंचाई पर आमतौर पर तेंदुए ही देखे जाते हैं। देहरादून के वन्य जीव संस्थान के वैज्ञानिक बिलाल हबीब ने बताया कि भारत में इतनी ऊंचाई पर किसी टाइगर के होने की यह पहली जानकारी है। ब्रिटेन से जुड़े कुछ दस्तावेज हैं,जिनमें इतनी ऊंचाई पर टाइगर देखे जाने का जिक्र है लेकिन जितना मैं जानता हूं उसके मुताबिक इसका न तो कोई साइंटिफिक सबूत है और न ही सबूत के तौर पर कोई फोटो है।
प्रमुख वन्यजीव संरक्षक डीवीएस खाटी ने बताया कि उत्तराखण्ड में 3 से 4 हजार फीट ऊंचे इलाकों में टाइगर देखे जाते हैं लेकिन 12 हजार फीट के ऊपर बाघ की मौजूदगी हमारे लिए भी एक खोज है। माना जा रहा है कि यह बाघ हल्द्वानी और चंपावत के जंगलों से काली नदी होते हुए यहां आया है। हमने यह जानकारी तत्काल सार्वजनिक नहीं की। पिथौरागढ़ के बहुत सारे हरे भरे इलाके संरक्षित क्षेत्र से बाहर हैं। यह इलाका नेपाल सीमा के पास स्थित है। वहां अक्सर शिकारियों की गतिविधियां देखी जाती है। ऐसे में हम बाघ की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। हमारा वन्य जीव विभाग नेपाल के वन्यजीव विभाग और राज्य पुलिस के साथ संपर्क कर रहा है। इस मामले को भारत तिब्बत सीमा पुलिस और सीमा सुरक्षा बल की मदद ली जा रही है।
इससे पहले पूर्वी सिक्कम के जेलेप्सा के पास हिमालयन रेंज में रॉयल बंगाल टाइगर के पैर के निशाना देखे गए थे। ये निशान करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई वाले इलाके में थे। उस वक्त वन विभाग के अधिकारी और विशेषज्ञ ने इस घटना को रेयर माना था। उनका मानना था कि टाइगर भूटना से सिक्किम आया था लेकिन वहां रहने वाले लोगों ने उसकी मौजूदगी की बात मानी थी।