जीएसटी का रास्ता साफ: राज्यसभा में हुआ पास

arun-jaitley-presents-budgetनई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) बिल बुधवार को राज्यसभा में पेश हो गया।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे सदन के सामने रखा। जेटली ने जीएसटी को बीते एक दशक का सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार करार दिया।
वहीं राज्यसभा में जीएसटी के लिए संविधान में संशोधन विधेयक पर वोटिंग शुरू हुई। जीएसटी के लिए संविधान में संशोधन के समर्थन में 197 वोट पड़े, जबकि विधेयक के विरोध में राज्यसभा में एक भी वोट नहीं पड़ा। वहीं जीएसटी पर एआईएडीएमके ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। वोटिंग में भाग नहीं लिया।
दूसरी ओर, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से बोलते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस बिल का समर्थन करने को तैयार है, लेकिन इसके लिए सरकार को जीएसटी की दर 18 फीसदी से नीचे रखने की जरूरत है।
जेटली ने बताया कि जीएसटी से भारत एक समान मार्केट में बदल जाएगा। जेटली ने यह भी कहा कि राज्यसभा ने जीएसटी बिल को सिलेक्ट कमेटी को सौंपा था। जेटली ने कहा कि ज्यादातर दलों में इस बिल को लेकर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि इससे देश में बड़ा बदलाव आएगा। जेटली ने कहा कि वे सभी पार्टियों के आभारी हैं। इतना ही नहीं जेटली ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजद का भी शुक्रिया अदा किया।
ऐसे बनेगा कानून
जीएसटी विधेयक बीते साल लोकसभा में पारित हो चुका है।अब राज्यसभा में पास होने के बाद भी इसे कम से कम 15 राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी चाहिए। यह मंजूरी मिलने के बाद बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। हालांकि इसके बाद केंद्र सरकार को केंद्र और राज्य के लिए जीएसटी से जुड़े कानून बनाने होंगे।