बड़ा खतरा: एल्गिन तटबंध टूटने को बेकरार

floodलखनऊ। घाघरा नदी की बीते एक हफ्ते से भयंकर कटान की जद में गोंडा तथा बाराबंकी जिले की सीमा पर स्थित एल्गिन चरसड़ी तटबंध टूटने की कगार पर है। इसके टूटने से बड़ा खतरा सामने है। तटबंध टूटने के बाद पचास से अधिक गांव का जलमग्न होना तय है।
गोंडा जिले के एल्गिन बांध पर इस समय भयानक खतरा मंडरा रहा है। आज इस खतरे को मुख्य सचिव दीपक सिंघल के भांपने के बाद उनकी फटकार के बाद कई अधिकारी मौके पर हैं।
इसके बाद भी अब एल्गिन बांध को टूटने से रोकना बहुत मुश्किल है। गोंडा के एल्गिन बांध पर इस समय भयानक खतरा है। इसकी देखरेख में लगे इंजीनियरों ने लगातार लापरवाही बरती है। जिसके कारण पचास से अधिक गांव के लोगों का जीवन खतरे में है। इस बांध की हालत का इंजीनियरों ने बाढ़ तथा कटान के बाद भी लंबे समय से दौरा नहीं किया था। अब नदी ने अपना रुख पूरी तरह से इसी ओर मोड़ दिया है।
लगातार कटान के कारण बांध का टूटना तय है। इस बांध की लंबे समय से मरम्मत नहीं की गई थी। मरम्मत के अभाव में यह बांध किसी भी वक्त टूट सकता है। बांध में नदी की कटान के कारण बड़ी सी दरार आ गई है। अब यह तटबंध टूटने से सिर्फ एक फुट से बचा है। प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चन्द्रा के साथ पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह तथा जिलाधिकारी गोंडा आशुतोष निरंजन मौके पर मौजूद हैं। इनको भी इस समय कोई कारगर उपाय समझ नहीं आ रहा है।
एल्गिन-चरसड़ी बांध में रिसाव के साथ बंधे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। नदी का पानी ठीक बंधे से सटकर बह रहा है। जिससे होने वाली कटान ने बांध के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। नदी के जलस्तर में आ रही गिरावट और उससे होने वाली कटान व मशीना उठने की संभावनाओं से बांध बचाव के काम में जुटे अधिकारियों के हाथ-पांव भी फूलने लगे हैं।