मुंबई। मुंबई के जाने माने हीरानंदानी अस्पताल के पांच डॉक्टर, सीईओ और मेडिकल डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया है। इनपर आरोप है कि ये किडनी रैकेट चलाते हैं।
इनलोगों पर आरोप है कि ये लोग फर्जी डाक्यूमेंट्स के आधार पर नकली रिश्तेदार बनाकर किडनी की खरीद-फरोख्त करते थे। बताया जा रहा है कि किडनी रैकेट का सरगना एक किडनी ट्रांसप्लांट के बदले में 25 से 30 लाख रुपए लेता था। किडनी देने वाले को कुछ हजार रुपए देकर ही चुप करा दिया जाता था।
इसका भंडाफोड़ तब हुआ जब एक किडनी डोनर ने एनजीओ के साथ पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद, पुलिस ने रेड की। रेड के दौरान एक मामले में डॉक्टर्स को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
बताया जाता है कि मुख्य आरोपी बिजेंद्र बिसेन 2007 में भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। वही, इस रैकेट का सरगना है। छापे में पता चला था कि जिस महिला को मरीज की पत्नी बताकर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था वह उसकी पत्नी नहीं थी। इसी, महिला को डोनर बताया गया था। डोनर महिला ने ही पुलिस और एनजीओ को रैकेट की जानकारी दी थी। उसने पुलिस को बताया कि किडनी के बदले उसे बहुत कम पैसे दिए गए हैं।
इस रैकेट के तार मुंबई के अलावा गुजरात और राजस्थान तक जुड़े हुए हैं। गिरोह 50 के करीब किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुका है। हालांकि अभी तक 4 केस ही सामने आए हैं। पुलिस ने मामले में मानव अंग प्रत्यार्पण कानून 1994 के तहत मामला दर्ज किया है। मुंबई पुलिस के स्पोक्सपर्सन डीसीपी अशोक दुढ़े के मुताबिक, डॉक्टर्स को स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के आधार पर अरेस्ट किया गया है। रिपोर्ट में इन सभी आरोपियों के किडनी रैकेट में शामिल होने के सबूत मिले हैं।