नई दिल्ली। ऐप बेस्ड टैक्सी पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने नई नीति तैयार की है, जिसके तहत टैक्सियां न तो ज्यादा किराया वसूल सकेंगी और न ही कोई हिडेन चार्जेज ले सकेगी। साथ ही सर्ज प्राइसिंग पर भी रोक लगेगी। इस नीति पर चर्चा करने के लिए सरकार की ओर से टैक्सी एग्रीगेटर्स, ऑटो संगठन व दूसरे स्टेक होल्डरों को बुलाया है। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
बुधवार को परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया दिल्ली में ऐप बेस्ड टैक्सियों के संचालन के लिए नीति तैयार कर ली गई है। इसमें टैक्सियों के लिए अधिक दर तय की गई है, जिससे वो ज्यादा किराया नहीं वसूल सकेगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार के निशाने पर ओला और ऊबर है।
इस पर उन्होने कहा कि कोई भी हो उसे कानून से ही चलना होगा। जैन ने कहा कि इससे ऑटो वाली की वो शिकायत भी दूर हो जाएगी कि हम टैक्सी वालों के सस्ते ऑफर्स का मुकाबला नहीं कर सकते। मंत्री ने कहा कि टैक्सी कंपनियां 4 बार कम और 40 बार अधिक किराया वसूलती है। अब अधिकतम किराया तय होने पर वो कम किराया नहीं वसूल पाएंगे।
फिलहाल अधिकतर ऐप बेस्ड एग्रीगेटर्स पारंपरिक मीटर के बजाय जीपीएस बेस्ड प्राइसिंग का इस्तेमाल करते है। पॉलिसी के कब तक नोटिफाई होने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि हमारी ओर से यह तैयार है। बैठक के बाद महीने भर क भीतर हम इसे एलजी के पास भेज देंगे। उन्होने बताया कि सर्ज प्राइसिंग वाली कंपनियों के खिलाफ जब्ती अभियान अब भी जारी है। कई टैक्सियों के रोजाना चालान काटे जा रहे है।