हू इज प्रशांत किशोर, कांग्रेस कोई ‘कारपोरेट अफेयर नही

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लखनऊ। उप्र, उत्तराखंड व मणिपुर के पूर्व राज्यपाल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीज कुरैशी ने कहा है कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनने के बजाए कार्यवाहक अध्यक्ष बनना चाहिए। अध्यक्ष सोनिया गांधी ही रहें। पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह लौटा है, यह सोनिया गांधी ही मेहनत का नतीजा है।
पद से हटने के बाद उप्र के मुस्लिम समुदाय में सक्रिय कुरैशी ने कहा कि कांग्रेस में व्यापारी, सामंत, पूंजीपति, बाहुबली व दबदबे वाले लोग का प्रभाव है। पार्टी चंद लोगों के हाथ में गिरवी है, जो नेतृत्व को गुमराह करने में कामयाब हैं। अपनी ही पार्टी की बदहाली और कामकाज के तरीके पर सवाल उठाते हुए कुरैशी ने कहा कि चंद लोगों के हाथों में जाने से कांग्र्रेस का नुकसान हो रहा है। कुछ लोग अपनी मर्जी से कांग्रेस को चला रहें है। राज्यसभा से लेकर पार्षद तक का फैसला उन्ही के हाथों में है। लेकिन चुनाव लड़ कर खुद पार्षद चुने जाने की हैसियत में नही है। इस हालात के चलते ही कांग्रेस बर्बादी के कागार पर जा रही है। कुरैशी ने उप्र में कांग्रेस को मजबूत करने में लगे रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर जोरदार हमला किया है। पीके से जुड़े सवाल पर कहा कि ‘हू इज प्रशांत किशोरÓ, मै ऐसे किसी व्यक्ति को नही जानता। इनको क्यों लाया गया है। कांग्रेस कोई ‘कारपोरेट अफेयर नही है।
कुरैशी ने कहा कि आजादी के पहले कांग्रेस पूजाघर की तरह थी। आजादी के बाद इसमें पूंजीपति घुस गए। पार्टी के अंदर खरीद फरोख्त का व्यापार शुरू हो गया। पार्टी के जिम्मेदार नेता अपने दलहित के बजाए अपने खास को आगे करने में लग गए। राजीव गांधी के शहीद होने के बाद कांग्रेस को नरसिंहाराव ने तबाह कर दिया। बूथ लेबल के साधरण कार्यकर्ता का सम्मान कम होने से पार्टी हाशिये पर चली गई। सोनिया गांधी देश की अकेली नेता है जिन्होने प्रधानमंत्री पद को ठुकरा दिया था। कार्यकर्ताओं में उनका सम्मान है।
उप्र का राज्यपाल रहते सपा नेता आजम खां के निजी विश्वविद्यालय के अधिनियम को मंजूरी देकर चर्चा में आये अजीज कुरैशी ने कहा कि उप्र का मुसलमान मजबूत नेतृत्व चाहता है। आज वह सडक़ पर है। बाबरी मस्जिद के गिरने के बाद से मुसलमान कांग्रेस से नाराज होकर अलग चला गया, और 1996 में बसपा से तालमेल करने से हमने कार्यकर्ता खो दिये। उन्होने कहा कि शीला दीक्षित के उप्र आने से पार्टी करे लाभ होगा।