पाक की दुखती रग पर हाथ

indo_pak_talksएल.एस. यादव। पाकिस्तान के अंदरूनी हालात इतने खराब हैं कि लोग अब सड़कों पर आकर पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं। जबकि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर घडिय़ाली आंसू बहाता रहता है। वहां के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि वे संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के मुद्दे को उठाएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही बलूचिस्तान, गिलगित एवं पाक अधिकृत कश्मीर में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे को उठा चुके हैं। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर लालकिले की प्राचीर से कूटनीतिक दांव खेलते हुए बलूचिस्तान का जिक्र किया। किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त के भाषण में पहली बार बलूचिस्तान के मुद्दे को शामिल किया गया। बलूचिस्तान के निवासियों ने उनके मुद्दे उठाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया।
इस तरह हर वक्त कश्मीर का रोना रोने वाले पाकिस्तान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व समुदाय के सामने बुरी तरह बेनकाब कर दिया। प्रधानमंत्री द्वारा बलूचिस्तान व पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों पर पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों व दमन के बारे में बोले जाने का असर इस्लामाबाद में तुरन्त ही दिखाई पड़ा। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान से बाहर निर्वासन में रह रहे बलूच नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया है। पाक ने कहा है कि इन मसलों का हल निकालने के लिए बातचीत ही एक रास्ता है।
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री नवाब सनाउल्ला खान जेहरी और दक्षिणी कमांड के कमांडर लेफ्टीनेन्ट जनरल अमीर रियाज ने कहा कि वे स्व-निर्वासित बलूच नेताओं के देश में लौटने का स्वागत करेंगे। ये बातें पाकिस्तान के स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य में जियारत स्थित कायदे-आजम निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही गईं। जियारत बलूचिस्तान का एक जिला है। सनाउल्ला खान जेहरी ने बलूचिस्तान छोड़कर चले गए बलूच नेताओं को पाक लौट आने का निमंत्रण खुद दिया।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री जेहरी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में शामिल होना या फिर राष्ट्रीय आधार पर राजनीति करना जैसे फैसले करना उनके हाथ में होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बलूचिस्तान के लोग आपको चुनते हैं तो हम इस फैसले का सम्मान करेंगे। मगर सरकार के लिए ऐसे नेताओं की मांगों और उनकी विचारधारा को बन्दूक के जोर पर स्वीकार कर पाना मुमकिन नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि हम किसी व्यक्ति को बल का प्रयोग कर अपनी विचारधारा को थोपने की इजाजत नहीं देंगे। हम पिछले कई वर्षों से बलूचियों के रक्षक बने हुए हैं। बलूचिस्तान अपनी मर्जी से पाकिस्तान में शामिल हुआ था।
बलूचिस्तान के हालात इतने अधिक खराब हैं कि वहां के लोग अब सड़कों पर अपनी आजादी को पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बलूचिस्तान रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) के प्रमुख और बलूचों के शीर्ष नेता बरहुमदाग बुगती ने कहा कि ऐसा कोई हफ्ता नहीं होता है जब बलूचिस्तान में लोगों की रहस्यमयी गुमशुदगी या अपहरण न होता हो और कुछ ही दिन बाद उनके शव मिलते हैं। इससे पहले बुगती ने बलूचिस्तान का मामला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी की थी। बुगती का कहना है कि पाकिस्तान का मुख्य ध्यान बलूचिस्तान के डेरा बुगती और ग्वादर क्षेत्र हैं। यहां आर्मी कैंटीन का निर्माण किया जा रहा है ताकि स्थानीय लोगों की आवाज को कुचला जा सके। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना पहले लोगों का अपहरण कर उन्हें टार्चर कर छोड़ देती थी लेकिन अब अपहरण कर टार्चर तो करती ही है और बाद में उन्हें मार कर फेंक देती है।
पाकिस्तानी सेना का उद्देश्य इस क्षेत्र में चीनी कम्पनियां स्थापित करना है। इसके लिए पाकिस्तान द्वारा पिछले कई वर्षों से यहां पर सेना की तैनाती करके बलूचिस्तान के लोगों का दमन किया जा रहा है। बुगती का यह भी कहना है कि मीडिया में मुद्दा न तूल पकड़े, इसके लिए वार्ता समितियों का गठन किया जाता है। अब मुख्यमंत्री जेहरी का हालिया आश्वासन इसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। बुगती की तरह यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद बलूचिस्तान के प्रतिनिधि मेहरान गर्री ने बताया कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के जुल्म बढ़ते जा रहे हैं। मेहरान गर्री यह भी कहते हैं कि बलूचिस्तान के निवासियों के लिए चीन सबसे बड़ा खतरा है। इसी तरह नाएला कादरी बलूच का कहना है कि पाक सेना मूल बलूच लोगों को सुनियोजित तरीके से खत्म कर रही है।
नायला बलूच का कहना है कि वे आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी सितम्बर 2016 में होने वाले संयुक्त राष्ट्र संघ के सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाएंगे। हम सब उनका साथ देने को तैयार हैं। अब इस मुद्दे का अन्तर्राष्ट्रीयकरण हो जाने से क्या बदलाव होगा,यह भविष्य में पता चलेगा।