जलपिशाच का आतंक: त्राहि-माम-त्राहि माम की गूंज

rainfallलखनऊ। उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश से कई राज्यों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, और राजस्थान इस समय भयंकर बाढ़ की चपेट में है। घाघरा और सोन सहित कई नदियां लबालब हो गई हैं। नतीजतन बिहार की राजधानी पटना, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, वाराणसी और बलिया सहित कई शहरों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। देश के हर भाग में जलपिशाच के आतंक से त्रााहि-त्राहि मची है।
आलम यह है कि गंगा के जलस्तर में एक मीटर और वृद्धि हुई तो पूरा पटना शहर जलमग्न हो जाएगा। नदियां यहां खतरे के निशान से ऊपरबिहार में गंगा सहित पांच नदियां पटना, भागलपुर, खगडिय़ा, कटिहार, सिवान, भोजपुर और बक्सर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा पटना जिले के दीघाहाट, गांधी घाट, हाथीदह, भागलपुर में कहलगांव, बक्सर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अन्य नदियों में सोन नदी भोजपुर के कोइलवर और पुनपुन नदी पटना के श्रीपालपुर में खतरे की सीमा रेखा को पार कर गई है।
सिवान में घाघरा, कटिहार के बालताड़ा और कुर्सेला में कोसी का कहर कायम है। पानी पटना शहर के गंगा अपार्टमेंट में सीवर पाइप के जरिए बाढ़ का पानी पहुंच गया। गंगा अपार्टमेंट अशोक राजपथ से लगते हुए गंगा तट पर स्थित है। अपार्टमेंट के 125 फ्लैट में करीब 500-600 लोग रहते हैं। जिले की 25 पंचायतों के 50 हजार लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए 90 नावें लगाई गई हैं। भागलपुर के शहरी क्षेत्र में राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में बाढ़ का पानी फैलने से पढ़ाई ठप है।
शनिवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के उत्तरी हिस्से में बाढ़ का पानी फैलने से विश्वविद्यालय प्रबंधन ने महिला पीजी होस्टल को तत्काल खाली करने का आदेश जारी कर दिया है। बिगड़े हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की पांच टीमें पटना और दो टीमें वैशाली में तैनात की गई हैं। राज्य सरकार के अनुरोध पर एनडीआरएफ की पांच टीमें और पटना पहुंचने वाली हैं। ताकि राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई जा सके। बलिया में भी बाढ़ से बचाव के लिए एनडीआरएफ बुला ली गई है। वाराणसी शहर में नाव चलने की नौबत वाराणसी में गंगा में उफान लगातार जारी है। पलट प्रवाह से वरुणा में भी उफान की स्थिति है और कई तटीय इलाकों में स्थिति दुरूह बनी हुई है। गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों और शहर के कई इलाकों में नाव चलने तक की नौबत आ गई है। इलाहाबाद में यमुना ने भी शनिवार को खतरे के निशान को पार कर गई। गंगा के बाद यमुना के लाल निशान पार करने से कछारी क्षेत्रों में रहने वालों की मुश्किल बढ़ा दी है। उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल में गंगा व घाघरा संग अन्य सहायक नदियों का कहर जारी है। डीएम ने शासन से एनडीआरएफ व जल पुलिस की मदद मांगी है।