यूपी विधानसभा की कार्रवाईयों का डिजिटलीकरण शुरू

cm22augलखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधान सभा की विगत 25 वर्षों की कार्रवाइयों के डिजिटाइजेशन का शुभारम्भ करते हुए कहा कि इसका लाभ सदस्यों के साथ-साथ शोधकर्ताओं एवं आम आदमी को भी मिलेगा। विधान सभा की पूरी कार्रवाई के डिजिटलाइजेशन को एक बेहतरीन पहल बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रीय जनता को अपने जनप्रतिनिधि की कार्यप्रणाली को वास्तविक रूप से देखने एवं समझने का अवसर मिलेगा।
विभिन्न क्षेत्रों में तकनीक को बढ़ावा देने का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट के अभिलेखों के साथ-साथ गजेटियर का भी डिजिटाइजेशन कराया गया है। इसी कड़ी में विधान सभा की कार्रवाई का भी डिजिटाइजेशन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक के इस्तेमाल से जहां कार्य तेजी से कम समय में सम्पादित किया जा सकता है, वहीं इससे पारदर्शिता के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर भी नियंत्रण करना आसान होता है। समाजवादी पेंशन योजना के तहत 55 लाख लाभार्थियों को उनके खाते में भेजी जाने वाली पेंशन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रक्रिया में देरी हो सकती है, लेकिन लाभार्थी के खाते में धनराशि पहुंचने में न तो विलम्ब की सम्भावना है और न ही भ्रष्टाचार की।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार जिस तरह से शासकीय कार्यों में तकनीक को बढ़ावा दे रही है, उससे प्रदेश के बारे में देश एवं दुनिया की धारणा बदल रही है और लोग समझने लग गए हैं कि उत्तर प्रदेश सही मायने में विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान सभा का ऐतिहासिक महत्व है। इसके सम्बन्ध में तमाम शोधकर्ता विभिन्न विषयों पर कार्य करते रहते हैं। विधान सभा की कार्रवाई के डिजिटाइजेशन से इनको भी लाभ होगा।
इस मौके पर विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि अब विधान सभा की कार्रवाई के साथ-साथ किसी खास जनप्रतिनिधि द्वारा विधान सभा में दिए गए भाषणों को आसानी से जाना जा सकता है।
संसदीय कार्य मंत्री श्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि इससे जनता को अपने जनप्रतिनिधि के बारे में जानने का मौका मिलेगा।