मुख्य सचिव का निर्देश: बाढ़ प्रभावितों को मिले तत्काल मदद

cs deepakलखनऊ। समीपवर्ती प्रदेशों उत्तरांचल, मध्य प्रदेश सहित नेपाल राष्ट्र से नदियों में आने वाले पानी एवं अत्यधिक वर्षा से प्रभावित प्रदेशवासियों की आवश्यकतानुसार मदद प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण सम्बन्धित मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं परगना अधिकारियों को कर प्रभावित लोगों को आवश्यकतानुसार मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देशन में प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने बाढ़ प्रभावित जनपदों की समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेशों का अक्षरश: पालन कराकर बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद करने हेतु बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों से जुड़े सम्बन्धित विभागों के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छुट्टियां अपरिहार्य स्थिति में ही स्वीकृत की जायें। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देकर बंधों को टूटने से रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करानी होगी। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर राहत सामग्री सहित आवश्यक दवाइयां एवं पशुओं के लिये चारा आदि उपलब्ध कराने हेतु कैम्प लगाने के निर्देश दिये।
श्री सिंघल ने सम्बन्धित जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि अन्य प्रदेशों से नदियों में आने वाले संभावित पानी को तथा पूर्वानुमान संभावित वर्षा को दृष्टिगत रखते हुये आवश्यक प्लान समय से बनाकर कार्यवाही सुनिश्चित करा लें, ताकि कोई अप्रिय घटना घटित न होने पाये। उन्होंने आवश्यकतानुसार स्थानीय एयर फोर्स के अधिकारियों से भी समन्वय स्थापित कर संभावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुये आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जनपदों हेतु अब तक कुल 23 करोड़ 84 लाख की स्वीकृत धनराशि का उपयोग पारदर्शिता के साथ कर प्रभावित लोगों को युद्धस्तर पर तत्काल राहत उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत कार्यों में किसी भी स्तर पर शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।
बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई श्री सुरेश चन्द्रा ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में बाढ़ से प्रभावित जनपदों हेतु स्वीकृत बाढ़ परियोजनाओं हेतु 221 करोड़ रुपये तथा बाढ़ अनुरक्षण के लिये 100 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ परियोजनाओं को पूरा करने के लिये भारत सरकार से केन्द्रांश के रूप में प्राप्त होने वाली 132 करोड़ रुपये की धनराशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
प्रमुख सचिव सिंचाई श्री सुरेश चन्द्रा ने बताया कि गंगा बेसिन में नरौरा बैराज पर वर्तमान में 61 हजार क्युसेक पानी का प्रवाह होने के कारण केन एवं बेतवा नदी जो मध्य प्रदेश के जलग्रहण क्षेत्र से पानी लेकर यमुना नदी में क्रमश: चिल्ला घाट (बांदा एवं हमीरपुर में) पिछले वर्ष यमुना नदी में अधिकतम लगभग 03 लाख क्युसेक पानी पास हुआ, जिसके सापेक्ष इस वर्ष केन नदी से 05 लाख 90 हजार तथा बेतवा नदी से 04 लाख 25 हजार कुल 10 लाख 15 हजार क्युसेक पानी आने की वजह से जनपद हमीरपुर, बांदा, इलाहाबाद के कुछ गांव बाढ़ से प्रभावित हुये हैं। इसी प्रकार गंगा बेसिन में पिछले वर्ष की अपेक्षा 10 लाख क्युसेक पानी अतिरिक्त आ जाने के कारण इलाहाबाद, वाराणसी एवं बलिया में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है।
बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरविन्द कुमार ने बताया कि बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्यों हेतु जनपद गोण्डा, बलरामपुर, बलिया, वाराणसी एवं इलाहाबाद में एन0डी0आर0एफ0 की टीम भेजी गयी है। जनपद बलिया में पी0एस0सी0 की दो प्लाटून भी तैनात की गयी हैै। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बाढ़ से फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिये 3093 नाव एवं 38 मोटर बोट लगाई गई है। बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों/परिवारों को मेडिकल सहायता हेतु 227 मेडिकल टीम गठित कर 104907 लोगों का उपचार किया गया है। इसके अतिरिक्त 1288697 क्लोरीन टेबलेट, 82641 ओ0आर0एस0 पैकेट तथा 6352 क्लोरोक्वीन टेबलेट भी वितरित करायी गयी हैं।