निदेशालय पर उमड़े शिक्षक, जाम किया विधानसभा मार्ग

?????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????लखनऊ (आरएनएस)। सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर कई सैंकड़ा शिक्षकों ने पूदे प्रदेश से आकर घेराव व प्रदर्शन किया। शिक्षक अपनी लंबित मांगों और प्रदेश सरकार की उनको लेकर वादाखिलाफी के विरूद्व जोरदार प्रदर्शन कर रहे थे। इसको लेकर सुबह से ही प्रशासन मुस्तैद था। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के मेन गेट को बंद कर दिया गया था और सड़क के दोनों ओर पुलिस व पीएसी के जवान मुस्तैद कर दिए गए थे। प्रशासन की ओर से कई थानों की फोर्स और आरएएफ को भी विधानसभवन जाने वाली सड़क पर तैनात किया गया था। शिक्षक संघ की प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ कुसुम चतुर्वेदी ने बताया की शिक्षक संघ पांच प्रमुख मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमे सारे मान्यता प्राप्त स्थाई विद्यालयों को ऐड पर लेना शामिल है। इसके अलावा वर्ष 2006 में अनुदान प्राप्त एक हजार जूनियर हाईस्कूलों में पुरानी पेंशन व्यवस्था को उन शिक्षको और कर्मचारियों पर लागू करना , जिनकी नियुक्ति अप्रैल 2005 के पूर्व हुई है। साथ ही बीएड प्रशिक्षण योग्यता को शासनादेश की तिथि 12 जून 2008 के बजाए सेवा नियमावली 1978 के लागू होने की तिथि से लागू माना जाए। वर्ष 2006 में अनुदानित जूनियर हाई स्कूलों में वर्षो से काम कर रहे 587 कर्मचारियों और शिक्षको को वेतन अनुमन्यता जारी की जाए। जूनियर हाई स्कूल लेवल तक सहायता प्राप्त उच्चीकृत स्कूलों में रिक्त पदों पर सेवा नियमावली 1978 के हिसाब से ही भरा जाए। शिक्षक नेताओं का कहना है कि पेंशन व्यवस्था बहाल होगी तो हम बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकेंगे।
शिक्षको के प्रदर्शन से लगा भयंकर जाम
शिक्षक नेताओं के विधान सभा के बाहर प्रदर्शन करने से विधानसभा के सामने से लेकर बापू भवन, सचिवालय और चारबाग तक जाम लग गया। इस पर जिला प्रशासन ने बल प्रयोग करके शिक्षकों को गिर तार किया। इस गिर तारी पर शिक्षक संघ की प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. कुसुम चतुर्वेदी ने कहा की प्रशासन और सरकार के इस बर्ताव से शिक्षको में भयंकर रोष है । प्रशासन की ओर से शिक्षकों द्वारा विधानभन घेरने को लेकर पूर्व में ही तैयारी कर ली गई थी। सोमवार को कई सैंकड़ा शिक्षकों ने निदेशालय में प्रदर्शन किया इस पर प्रशासन को कोई आपत्ति नहीं रही। लेकिन अपनी मांगों के संदर्भ में किसी भी अधिकारी के न पहुंचने के चलते दोपहर बाद शिक्षकों ने विधानभवन को कूच कर दिया। पुलिस की ओर से शिक्षकों को रोकने के लिए राजभवन चौराहा और हजरतगंज चौराहे पर बैरिकेडिंग भी लगाई गई थी। इसके बावजूद शिक्षकों ने विधानभन जाने वाली सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया। स्कूलों की छुट्टड्ढी के समय इस मार्ग पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। इसके बाद पुलिस ने शिक्षकों को गिर तार कर उन्हें रवाना किया।
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे अनुदेशक
अपने मानदेश को लेकर बीते दो साल से लड़ रहे कंप्यूटर अनुदेशकों ने सोमवार को उप्र माध्यमिक अनुदेशक एसोसिएशन, साजदा संगठन के बैनर तले अनिश्तिकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। संगठन प्रमुख साजदा पंवार ने बताया कि सरकार में बैइे भ्रष्टड्ढ अधिकारी न केवल उनका मानदेय तय करने का आदेश पारित कर रहे हैं। बल्कि सीएम की ओर से सूबे में शुरू की गई अनिवार्य कंप्यूटर शिक्षा योजना का लाभ पाने वाले बच्चों की जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। साजदा ने बताया कि बीते दो वर्षों से मानदेश के अभाव में चार हजार के करीब अनुदेशक भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि अब हम आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। सरकार की ओर से हमें केवल झूठे वादे और लाठियां ही मिली हैं। हम अब हर स्थिति के लिए तैयार हैं , हमारी हड़ताल अनिश्तिकालीन है और यह हमारे हक में शासनादेश जारी न होने तक लगातार चलती रहेगी।