सुप्रीम कोर्ट ने कहा: कश्मीर समस्या का हल अदालतों के पास नहीं

supreem courtनई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने की मांग पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर चीज का हल अदालतों से नहीं निकल सकता। यह ऐसा मसला है, जिसका राजनीतिक समाधान निकाला जाना चाहिए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता भीम सिंह से कहा कि वे इस बारे में अपने सुझाव प्रधानमंत्री को दे सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने नेशनल पैंथर पार्टी के अध्यक्ष भीम सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले के कई पहलू हैं। हर बात का समाधान न्यायिक दायरे या कोर्ट के जरिये नहीं हो सकता। पीठ ने सोमवार को कश्मीर के विपक्षी नेताओं के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का भी जिक्र किया। अदालत ने भीम सिंह से कहा कि कुछ लोग प्रधानमंत्री से मिल रहे हैं। वे भी उनसे मिलकर अपने सुझाव दे सकते हैं।
कोर्ट ने सरकार के ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वे भीमसिंह को प्रधानमंत्री से मिलवाएं। लेकिन तभी भीम सिंह ने कहा कि आरएसएस के निर्देशों पर चलने वाली सरकार उन्हें नहीं बुलाएगी। इस पर पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वे कोर्ट में इस तरह के राजनीतिक बयान न दें।
साफ बताएं कि वे राजनीतिक नुमाइंदों से मिलना चाहते हैं कि नहीं। हालांकि सॉलिसिटर जनरल ने भरोसा दिलाया कि वे भीम सिंह को पीएम से मिलवाने के बारे में गृह सचिव से बात करेंगे। भीम सिंह ने अपनी याचिका में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को मारे जाने के बाद पैदा हुए हालात का जिक्र करते हुए राज्य में राज्यपाल शासन लगाए जाने की मांग की है।