लालू उवाच: भाग्यशाली हैं कि गंगा मइया आपकी रसोई में आ गईं

laluनई दिल्ली/पटना/लखनऊ (आरएनएस)। बिहार में बाढ़ से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। पानी में बहने या डूबने से 95 लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार के 12 जिलों में बाढ़ से 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। औरंगाबाद जिले में पुनपुन नदी में नाव समेत 18 लोग लापता हैं जिनकी तलाश जारी है। नाव में 25 लोग सवार थे। 7 को बचा लिया गया। पटना में भी डूबने से 7 की मौत हो गई। इस बीच गंगा और सोन नदी का जलस्तर कमजोर हुआ है। उधर, पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, असम के कई इलाकों में बाढ़ के हालात हैं। -आरजेडी चीफ लालू प्रसाद ने अपने अंदाज में बाढ़ पीडि़तों को गंगा के रौद्र रूप या खौफ से मुक्त करने की कोशिश की। उन्होंने बाढ़ पीडि़तों से कहा- आप लोग तो भाग्यशाली हैं कि गंगा मइया या आपके घर और रसोई तक पहुंच गई हैं। गंगाजल को तड़पते थे। और जब गंगा मइया घर तक पहुंच गईं, तो डर गए हैं; घबरा गए हैं। खैर, अब गंगा मइया को पूजिए और उनसे और तकलीफ नहीं देने की प्रार्थना कीजिए। गारंटी है कि वह वापस चली जाएंगी। लालू, बाढ़ पीडि़तों के बीच थे। उनका दुख, दर्द पूछ रहे थे। राहत, बचाव कार्य का हाल जान रहे थे। नीतीश कुमार ने बिहार में बाढ़ के हालात पर नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने पीएम से एक्सपट्र्स की एक टीम बिहार भेजने की अपील की। नीतीश ने मोदी से यह भी कहा कि- बिहार में गंगा की हालत देखकर रोने का मन करता है। इस नदी में सिल्ट की प्रॉब्लम को खत्म करने से ही हर साल आने वाली बाढ़ से निजात पाई जा सकती है। मोदी के साथ मीटिंग के बाद नीतीश कुमार ने कहा-पीएम ने तत्काल मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने एक नेशनल सिल्ट मैनेजमेंट पॉलिसी बनाने की भी बात कही है। नीतीश ने मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी ‘नमामि गंगे प्रोजेक्टÓ पर बिहार में बेहतर सिल्ट मैनेजमेंट के साथ अमल की भी बात कही है। सीएम ने कहा अगर हालात पर ध्यान नहीं दिया गया तो इस प्रोग्राम की सफलता पर सवाल खड़े होंगे। नीतीश ने फरक्का बांध की यूटिलिटी की भी बात की। कहा यह देखा जाना चाहिए कि इस बांध से फायदा अधिक हो रहा है या नुकसान।