आएसएस ने शिवराज सरकार से पूछा: बताओ क्या-क्या काम किया

rss-joshiभोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भाजपा के साथ-साथ राज्य सरकार से भी पूछ लिया कि बताओ डेढ़-दो साल में कौन सा विशेष काम किया? भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने समाज से जुडऩे के रक्षाबंधन, तिरंगा यात्रा के कार्यक्रम गिनाए तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंहस्थ व वैचारिक महाकुंभ के आयोजन को सफलता बताई।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में 51 बिंदु तय किए गए हैं, जिन पर आगे काम करना है। यह शुक्रवार को सभी को उपलब्ध भी करा दिए जाएंगे। आरएसएस की दो दिवसीय समन्वय बैठक की शुरुआत गुरुवार को केरवा डेम स्थित शारदा विहार में हुई।
इसमें भाजपा समेत 40 अनुषांगिक संगठनों ने भाग लिया। रात नौ बजे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी आरएसएस के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी से मिलने शारदा विहार में पहुंचे। मुख्यमंत्री भी उनके साथ थे। शाह और जोशी की मुलाकात को अहम माना जा रहा है। आधे घंटे की चर्चा के बाद जोशी व शाह सीएम हाउस गए, जहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के कार्यक्रम में शिरकत की। इससे पहले एयरपोर्ट पर शाह की अगवानी मुख्यमंत्री, नंदकुमार सिंह और पूर्व महापौर कृष्ण गौर ने की। समन्वय बैठक के पहले दिन सभी संगठनों ने कामकाज की रिपोर्ट देने के साथ ही बताया कि अगले एक साल का उनका रोडमैप क्या है। किसान संघ ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सारे निर्णय बिना पूछे हो जाते हैं। जब आंदोलन की बात करते हैं तो कहा जाता है कि बातचीत करो। मंत्री-मुख्यमंत्री किसी के पास मिलने का समय नहीं। कुछ अन्य संगठनों ने भी यही बात दोहराई। इसके बाद तय हुआ कि जिला, संभाग और प्रदेश स्तर पर हर माह भाजपा कुछ संगठनों की बैठक कराए। शुक्रवार को भैयाजी जोशी संबोधित करेंगे। सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल भी सत्र लेंगे।
संघ के संकेत-एंटी इनकंबेंसी फैल रही, समय रहते रोकना जरूरी
इस समन्वय बैठक को अहम इसलिए माना जा रहा है कि संघ ने संकेत दे दिए हैं कि यह बैठक आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भी है। सभी संगठनों से कहा गया है कि प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी फैल रही है। इसे समय रहते रोकना होगा। आरएसएस ने खुद के द्वारा एक सर्वे कराया है। इसी को आधार बनाकर कहा गया कि कई मंत्रियों की स्थितियां भी ठीक नहीं हैं। यह संख्या ज्यादा है।
लव जेहाद के साथ ही शिक्षा के व्यवसायीकरण का मामला उठा
बैठक में आर्थिक, सामाजिक, सुरक्षा, शिक्षा और वैचारिकता के विषयों पर अलग-अलग चर्चा हुई। इसमें आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर चिंता व्यक्त की गई। साथ ही कहा गया कि दलितों और सवर्णों को लेकर समाज में जो चल रहा है, उसे रोका जाए। सामाजिक विषय पर लव जेहाद और धर्मांतरण का मामला उठा। लव जेहाद के उदाहरण बताते हुए इसे आने वाले समय रोकने की रणनीति पर बात हुई। इसमें सभी संगठनों को एक साथ जुटना होगा। शिक्षा के विषय पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि व्यवसायी करण बढ़ रहा है। यह ठीक नहीं है। सुरक्षा को लेकर फिर घुसपैठ की बात की गई। संघ की ओर से राष्ट्रीय स्तर के इन मुद्दों को रखा गया था।